Capital Gain Tax on Property : कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) के बारे में आप नहीं जानते है, तो आपके लिए ये खबर बहुत काम की साबित होगी. इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (Income Tax Appellate Tribunal) ने कैपिटल गेन टैक्स पर एक अहम फैसला सुनाया है. ट्रिब्यूनल ने एनआरआई टैक्सपेयर (NRI Taxpayer) को मकान की मरम्मत पर हुए खर्च पर छूट का दावा करने का अधिकार दे दिया है.


खर्च पर करें टैक्स छूट का दावा 
ट्रिब्यूनल (Tribunal) ने आदेश में कहा कि मकान की सुविधाओं को बढ़ाने जैसे टाइल (Tile) लगाने या दीवारों पर रंगरोगन करने के लिए किए खर्च पर टैक्स छूट का दावा कर सकते है. अगर यह राशि कैश में खर्च की है, तब भी छूट का दावा किया जा सकता है. हालाँकि यह फ्लैट्स की बिक्री पर हुए कैपिटल गेन टैक्स से जुड़ा है.


कैश पेमेंट पर नहीं मिलेगी छूट 
इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि पेमेंट में अनअकाउंटेड मनी (Unaccounted Money) का इस्तेमाल नहीं किया था और टैक्सपेयर किसी तरह का बिजनस नहीं कर रहा था. कैश में पेमेंट से जुड़े प्रावधान लागू नहीं है. नियमों की माने तो कैपिटल गेन की गणना बिक्री की राशि माइनस कॉस्ट ऑफ एक्विजिशन (Minus Cost of Acquisition) और कॉस्ट ऑफ इम्प्रूवमेंट (Cost of Improvement) के आधार पर होती है.


मकान बेचने पर ये है कंडीशन 



  • आपको बता दे कि कोई भी प्रॉपर्टी बेचने से आपको एक मुस्त पैसा मिलता है, तो कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ेगा. मकान बेचने से होने वाले लाभ पर दो तरह से टैक्स लगते है.

  • आपने अगर मकान 2 साल अपने पास रखने के बाद बेचा है तो इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Long Term Capital Gain) माना जाएगा. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 20 फीसदी का कैपिटल गेन टैक्स लगता है. 

  • वही आपने 24 महीने से पहले ही मकान बेच दिया है तो यह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (Short Term Capital Gain) माना जाएगा. अगर आपने प्रॉपर्टी खरीदने के बाद उसमें कोई सुधार या विस्तार कराया था तो ऐसे खर्चों की इंडेक्स कॉस्ट निकालते हुए इनकम टैक्स में छूट ली जा सकती है. इससे कैपिटल गेन टैक्स का बोझ कम हो जाता है.


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