नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ और एमडी आशीष कुमार चौहान ने कहा कि रिटेल इंवेस्टर्स को फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए, क्योंकि अगर आप इसमें निवेश करते हैं तो आपको एक्सपर्ट होना होगा. बिना स्टडी के निवेश करना खतरे से भरा हो सकता है.
सेबी की एक स्टडी के मुताबिक, दस में से नौ इंवेस्टर डेरिवेटिव ट्रेडिंग में पैसा गवां रहे हैं. चौहान ने कहा कि ऐसे में रिटेल इंवेस्टर्स को डेरिवेटिव ट्रेडिंग से बचना चाहिए. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव मुंबई में एनएसई के सीईओ ने कहा कि निवेश तब होता है जब आप 3 से पांच साल की अवधि के लिए किसी कंपनी की संभावनाओं, उद्योग और मैक्रो इकोनॉमी का अध्ययन करने के बाद एक शेयर खरीदते हैं.
उन्होंने कहा कि सुबह खरीदकर दोपहर को शेयर बेचने पर आप खुद को निवेशक नहीं कह सकते हैं, यह व्यापार है अटकलें नहीं. चौहान ने कहा कि कई युवा कारोबारी डेरिवेटिव ट्रेडिंग करना चाहते हैं क्योंकि इससे अधिक लाभ मिलता है और तेजी से आगे बढ़ता है. उन्होंने कहा कि छोटे निवेशकों को एफएंडओ कारोबार नहीं करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि ट्रेडिंग टाइम बढ़ने से कारोबारियों को समय पर जानकारी मिलेगी और वह अपने निवेश को बेहतर ढंग से उपयोग कर सकते हैं. प्रोफेशनल के लिए एफएंडओ में शाम या रात की ट्रेडिंग ज्यादा सही होगी. चौहान ने कहा कि भारतीय शयरों में निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों के पास एक विकल्प होता है कि वह भारतीय उत्पादों का विदेशों में भी कारोबार कर सकते हैं और इसी कारण वे हेजिंग करने में सक्षम हैं. वहीं भारतीय निवेशक ऐसा नहीं कर सकते.
उन्होंने कहा कि ट्रेडिंग टाइम बढ़ने से निवेशकों को हर पर स्क्रीन पर नजर रखने की जरूरत नहीं है. स्टडी के साथ निवेश कर सकते हैं. हालांकि अगर किसी को लगातार नुकसान हो रहा है तो उसे रुकने की आवश्यकता नहीं है.
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