NSE Social Stock Exchange: क्या है सोशल स्टॉक एक्सचेंज? जिसके लिए एनएसई को मिली अंतिम मंजूरी
What is Social Stock Exchange: सोशल स्टॉक एक्सचेंज कई सालों से चर्चा के केंद्र में है और अब जाकर एनएसई को सेबी ने इसकी अंतिम मंजूरी दे दी है. आइए जानते हैं, यह कैसे काम करता है...
Social Stock Exchange: बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने प्रमुख शेयर बाजार एनएसई (NSE) को अपने प्लेटफॉर्म पर अलग सेगमेंट के रूप में सोशल स्टॉक एक्सचेंज (Social Stock Exchange) शुरू करने की अंतिम मंजूरी दे दी है. एनएसई ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. एनएसई ने बताया कि उसे सेबी से इसकी अंतिम मंजूरी 22 फरवरी को मिली.
चार साल पहले बजट में हुआ जिक्र
सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) भारत में भले ही नई चीज हो, लेकिन दुनिया भर में काफी समय से यह अस्तित्व में है. भारत में इसकी चर्चा तब जोर पकड़ी, जब 2019-20 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (FM Nirmala Sitharaman) ने इसका जिक्र किया. तब पहली बार सरकार की ओर से सोशल स्टॉक एक्सचेंज का आइडिया सार्वजनिक किया गया था.
ऐसे काम करता है सोशल स्टॉक एक्सचेंज
जैसा कि सोशल स्टॉक एक्सचेंज नाम से ही स्पष्ट है कि यह शेयर बाजार (Stock Exchange) की तरह काम करता है. शेयर बाजार के बारे में हम सभी जानते हैं कि यह कंपनियों और निगमों को आम लोगों व इन्वेस्टर्स से खुले बाजार में फंड जुटाने का मंच है. जिस तरह शेयर बाजार पर कंपनियों के स्टॉक या बांड लिस्ट होते हैं, उसी तरह सोशल स्टॉक एक्सचेंज गैर-लाभकारी व गैर-सरकारी संगठनों यानी स्वयंसेवी संगठनों (NGOs) को शेयर बाजार पर लिस्ट होने की सुविधा देता है. इस तरह एनजीओ को फंड जुटाने का एक वैकल्पिक साधन मिलता है.
सामाजिक उपक्रमों को मिलेगी मदद
ऐसा माना जा रहा है कि सोशल एक्सचेंज सेगमेंट सामाजिक उपक्रमों (Social Enterprises / NGO) को अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक फंड जुटाने में मदद करेगा. इसके साथ ही सामाजिक उपक्रमों को बेहतर विजिबिलिटी मिलेगी और उनके द्वारा फंड्स के इस्तेमाल में पहले की तुलना में अधिक पारदर्शिता आएगी, क्योंकि पब्लिक का फंड इस्तेमाल करने के बाद उनके ऊपर पब्लिक के प्रति जवाबदेही आएगी.
एनएसई के एमडी ने की ये अपील
एनएसई के एमडी एवं सीईओ आशीष कुमार चौहान (NSE MD&CEO Ashishkumar Chauhan) का इस बारे में कहना है, इस बारे में जागरूकता लाने के लिए हम विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं. इसके साथ-साथ हम कई सामाजिक उपक्रमों को एक्सचेंज के मंच पर लाने की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं. चौहान ने सामाजिक उपक्रमों से आह्वान किया कि वे सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर रजिस्टर व लिस्ट होने की प्रक्रिया तथा इसके फायदे को जानने के लिए एनएसई से संपर्क करें.
ये है सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग का प्रोसेस
सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने के लिए उपक्रमों को सबसे पहले इसके सेगमेंट में रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें सूचीबद्ध यानी लिस्ट किया जाएगा. लिस्टिंग के बाद सामाजिक उपक्रम पब्लिक इश्यू या प्राइवेट प्लेसमेंट के आधार पर जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल (Zero Coupon Zero Principal) जैसे इंस्ट्रुमेंट लॉन्च कर सकते हैं और अपने इस्तेमाल के लिए पब्लिक से फंड जुटा सकते हैं. मौजूदा कानून के हिसाब से जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल (ZCZP) का साइज कम से कम 01 करोड़ रुपये का होना चाहिए और सब्सक्रिप्शन के लिए अप्लिकेशन का न्यूनतम आकार 02 लाख रुपये होने चाहिए.