NSE Unlisted Shares: देश का सबसे पुराना एक्सचेंज बीएसई एक लिस्टेड कंपनी है. लेकिन सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज लंबे समय से आईपीओ लाने की जद्दोजहद में जुटा है लेकिन अभ तक उसे सफलता नहीं मिल पाई है. बीएसई के शेयरों के जोरदार रिटर्न देने के बाद निवेशकों को एनएसई के आईपीओ का इंतजार है.  हाल ही में ऐसी खबरें आई कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने आईपीओ लाने के लिए शेयर बाजार के रेगुलेटर सेबी के पास नो-ऑब्जेक्शन के लिए आवेदन किया है. लेकिन क्या आप जानते हैं अगर आप चाहें तो एनएसई इंडिया लिमिटेड का अनलिस्टेड शेयर खरीद सकते हैं. 


6200 रुपये पर ट्रेड कर रहा NSE का शेयर 


ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म अनलिस्टेड जोन के मुताबिक एक रुपये के फेस वैल्यू वाले एनएसई का शेयर फिलहाल 6200 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. एनएसई के शेयर को खरीदने के लिए 100 शेयरों का एक लॉट साइज है. पिछले 52 हफ्ते में एनएसई के शेयर का उच्चतम प्राइस लेवल 6200 रुपये है जबकि 3601 रुपये शेयर का इस अवधि के दौरान निचला लेवल है. स्टॉक का बुक वैल्यू 484.35 रुपये और एनएसई का मार्केट कैप 306900 करोड़ रुपये है.     


पेश किए शानदार वित्तीय नतीजे


एनएसई के रेवेन्यू और मुनाफे में साल दर साल जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली है.  वित्त वर्ष 2020-21 में एनएसई का रेवेन्यू 5624 करोड़ रुपये था और मुनाफा 3573 करोड़ रुपये जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में रेवेन्यू बढ़कर 14,780 करोड़ रुपये और मुनाफा 8406 करोड़ रुपये रहा है. एनएनई ने पिछले वित्त वर्ष के लिए निवेशकों को 90 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड भी दिया है.  


कैसे खरीद सकते हैं एनएसई का स्टॉक? 


एनएसई के अनलिस्टेड शेयरों को निवेशक चाहें तो खरीद सकते हैं.  ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म अनलिस्टेड जोन (Unlisted Zone) या स्टॉकिफाई (Stockify) पर जाकर निवेशक एनएसई के अनलिस्टेड शेयर्स को खरीद सकते हैं. अनलिस्टेड जोन पर 100 शेयरों के एक लॉट खरीदने के लिए 6200 रुपये प्रति शेयर के मौजूदा प्राइस के हिसाब से निवेशकों को 6.20 लाख रुपये का भुगतान करना होगा. अनलिस्टेड जोन के वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक एनएसई के शेयर को खरीदारी के लिए दो स्टेज को पूरा करना होगा. 


पहले स्टेज में निवेशक को एनएसई बोर्ड से मंजूरी के लिए केवाईसी डॉक्यूमेंट प्रोवाइड करना होगा जिसमें सीएमएल कॉपी, पैन कार्ड, आधार और एक कैंसिल चेक शामिल है. इसके बाद अलग अलग एनेक्चर और एसपीए तैयारी की जाती है और एनएसई के क्लीयरेंस के लिए जमा कर दिया जाता है. दूसरे स्टेज में ब्रोकर से वेरिफिकेशन लेटर हासिल करना होता है और डीआईएस स्लिप का इस्तेमाल कर निवेशक को शेयर्स ट्रांसफर की जाती है. इस पूरी प्रक्रिया में तीन महीने का समय लग सकता है. 


निवेशक चाहें तो अनलिस्टेड कंपनियों के शेयर्स इंवेस्टमेंट बैंकों, वेल्थ मैनेजर्स या ब्रोकर्स के माध्यम से खरीद सकते हैं जैसे लिस्टेड शेयरों की खरीदारी की जाती है जो निवेशक के डिमैट खाते में क्रेडिट कर दिया जाता है. 


6 महीने का लॉक इन पीरियड 


निवेशकों के कैटगरी के हिसाब से एनएसई के अनलिस्टेड शेयर्स के लिए लॉक-इन पीरियड लागू होता है. वेंचर कैपिटल फंड्स या विदेशी वेंचर कैपिटल इंवेस्टर्स के लिए एनएसई के अनलिस्टेड शेयर्स के लिए छह महीने तक लॉक-इन पीरियड है यानि इस अवधि से पहले वे शेयर बेच नहीं सकते. अल्टरनेटिव इंवेस्टमेंट फंड्स कैटगरी - II के लिए कोई लॉक-इन पीरियड नहीं है. जबकि रिटेल निवेशक, एचएनआई या बॉडी कॉरपोरेट्स के लिए  एनएसई के अनलिस्टेड शेयर्स के आईपीओ की लिस्टिंग के छह महीने तक लॉक-इन पीरियड लागू रहेगा और लिस्टिंग के छह महीने के बाद ही निवेशक शेयर बेच सकेंगे.  


लंबे समय से अटका है आईपीओ 


नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आईपीओ उसके शेयरों की लिस्टिंग की बातें कई वर्षों से चल रही है. एनएसई ने सेबी के पास सबसे पहले दिसंबर 2016 में आईपीओ का ड्राफ्ट यानी डीआरएचपी फाइल किया था. सेबी ने उसे मंजूरी दे दी थी, लेकिन को-लोकेशन स्कैम के सामने आने के बाद 2019 में ड्राफ्ट पेपर को लौटा दिया गया था जिसके बाद एनएसई का आईपीओ अटका हुआ है.   


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