NSE Nifty Update: अगले 12 महीने में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 2351 अंकों का उछाल संभव है. निफ्टी अगले एक साल 25000 के आंकड़े को पार करते हुए 25,816 के लेवल के छू सकता है. ये कहना है देश के दिग्गज ब्रोकरेज हाउस प्रभुदास लीलाधर का है. ब्रोकरेज हाउस ने अपने रिपोर्ट में कहा कि वो ऑटो, बैंकों, एसेट मैनेजमेंट कंपनियों, कैपिटल गुड्स, डिफेंस हॉस्पिटल्स, फार्मा, सीमेंट, एविएशन और डिस्ट्रीशनरी कंजम्पशन जैसे सेक्टर्स पर बुलिश है.
निफ्टी ड्रीन रन के लिए तैयार
प्रभुदास लीलाधर ने अपने लेटेस्ट इंडिया स्ट्रैटजी रिपोर्ट में कहा सभी बाधाएं खत्म और ड्रीम रन के निफ्टी तैयार है. रिपोर्ट के मुताबिक अगले 12 महीने का निफ्टी का टारगेट 25,816 है. 14 जून को निफ्टी 23,465 अंकों पर क्लोज हुआ था. यानि मौजूदा लेवल से अगले 12 महीनों में निफ्टी में 2351 अंकों या 10 फीसदी का उछाल संभव है. प्रभुदास लीलाधर के मुताबिक विकासन्मुखी बजट, सामान्य मानसून और इंफ्लो में मजबूती के चलते मार्केट की री-रेटिंग होने के आसार हैं. 12 जून 2024 को ब्रोकरेज हाउस ने इंडिया स्ट्रैटजी रिपोर्ट जारी किया था उसके मुताबिक लोकसभा चुनावों में बड़े उतार-चढ़ाव के बावजूद निफ्टी ने 4.4 फीसदी का रिटर्न दिया है.
चुनावी झटकों को सीमित करने की कोशिश
रिपोर्ट के मुताबिक एनडीए सरकार का कैपिटल एक्सपेंडिचर आधारित ग्रोथ खासतौर से पीएलआई वाले सेक्टर्स, रोड, पोर्ट्स, एविएशन, डिफेंस, रेलवे और ग्रीन एनर्जी समेत इंफ्रास्ट्रक्चर डेवपलमेंट पर फोकस रहेगा. राजकोषीय घाटे में 20 बेसिस प्वाइंट की कमी के आसार हैं इसके अलावा सामान्य मानसून, आरबीआई से मिलने वाले 2.1 ट्रिलियन रुपये डिविडेंड से सरकार को बड़ा सहयोग मिलेगा. ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि एनडीए सरकार किसानों, ग्रामीण भारत, शहरी गरीब और मध्यम वर्ग पर फोकस करेगी जिससे कुछ राज्यों में मिले चुनावी झटकों के असर को सीमित किया जा सके.
दो महीने में निफ्टी में 4.4 फीसदी का उछाल
प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो महीने में चुनावों के दौरान भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद दो महीने में निफ्टी में 4.4 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. इस अवधि के दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों की ओर से 892 बिलियन रुपये का निवेश देखने को मिला है जबकि विदेशी निवेशकों को 449 बिलियन रुपये का निवेश भारतीय बाजारों से निकाल लिया है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 8.2 फीसदी रही है. आरबीआई से सरकार को मिलने जा रहा 2.1 लाख करोड़ रुपये डिविडेंड और माससून की बेहतर शुरुआत के चलते अर्थव्यवस्था में गति बनी हुई है. महंगाई की चिंता के चलते आरबीआई ने अपने पॉलिसी रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया है जबकि यूरोपीय सेंट्रल बैंक समेत दूसरे देशों के ब्याज दरों ने ब्याज दरों में कटौती की शुरुआत कर दी है.
स्मॉल-मिड कैप ने दिया जोरदार रिटर्न
रिपोर्ट में कहा गया कि रियल एल्टेट, ऑटो, मेटल्स. हेल्थकेयर और कैपिटल गुड्स सेक्टर ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है. सामान्य मानसून और बाजार में उतार-चढ़ाव के चलते डिफेंसिव सेक्टर्स के स्टॉक में शिफ्ट करने के चलते एफएमसीजी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे डिफेंसिव सेक्टर्स फिर से चल पड़े हैं. हालांकि प्राइवेट बैंक और आईटी अभी भी अंडरपरफॉर्म करेगा. बीएसई स्मॉल कैप और मिड कैप ने 12 महीने में 57 फीसदी और 61 फीसदी रिटर्न दिया है जो कि सेंसेक्स निफ्टी और बीएसई 100 में हुए मुनाफे का दोगुना है.
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