Nifty Target In 2024: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का इंडेक्स निफ्टी 50 (Nifty 50) इस साल के आखिर दिसंबर 2024 तक 25,810 के आंकड़े को छू सकता है जो 29 अप्रैल 2024 के क्लोजिंग लेवल 22,643 से करीब 14 फीसदी ज्यादा है. ब्रोकरेज हाउस प्रभुदास लीलाधर (Prabhudas Lilladher) ने एक रिपोर्ट जारी कर ये भविष्यवाणी की है. रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा चुनावों (Loksabha Elections) के बाद एनडीए (NDA) सरकार की वापसी और ला नीना (La Nina) के प्रभाव में सामान्य मानसून रहने के चलते आर्थिक नीतियों में स्थिरता रहेगी तो इससे आर्थिक ग्रोथ (Economic Growth) को गति मिलेगी. इसी के चलते साल के आखिर तक निफ्टी के करीब 26000 के आंकड़े तक जाने की भविष्यवाणी की गई है.
बुल केस में 27100 तक जा सकता है निफ्टी
प्रभुदास लीलाधर ने इंडिया स्ट्रैटजी रिपोर्ट - डेमोक्रैटिक हैट्रिक टू री-रेट मार्केट्स (India Strategy Report – Democratic Hat-trick to Re-Rate Markets) नाम से रिपोर्ट जारी किया है. प्रभुदास लीलाधर ने रिपोर्ट में कहा है कि बेस केस (Base Case) में 12 महीने के दौरान निफ्टी का टारगेट 25,810 अंक है जो पहले 25,363 अंक था. ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि बुल केस (Bull Case) में निफ्टी 27,100 अंकों को छू सकता है जो पहले इसका लक्ष्य 26,885 अंकों का था. बीयर केस यानि बाजार में मंदी रही तो निफ्टी का लक्ष्य 23,229 रहेगा जो पहले 22066 अंक था.
लोकसभा चुनाव सदी की बड़ी घटना
ब्रोकरेज हाउस के इंस्टीट्यूशल रिसर्च के हेड अमनीश अग्रवाल ने कहा, हाल के दिनों में निफ्टी अपने लाइफटाइम हाई को छूने में कामयाब रहा है. हालांकि भू-राजनीतिक तनाव, कच्चे तेल और कमोडिटी प्राइसेज में उतार चढ़ाव के साथ अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती को लेकर अलग विचारों के चलते निफ्टी में 4 फीसदी तक की गिरावट भी देखने को मिली है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में भारत चुनावों में डूबा है जो सदी की सबसे महत्वपूर्ण घटना है. उन्होंने कहा कि ओपिनियन पोल्स में एनडीए की जीत की भविष्यवाणी के बावजूद शेयर बाजार 2004 के लोकसभा चुनावों के नतीजों के रिपीट होते हुए देखने के लिए तैयार नहीं है जब चुनाव के नतीजों के एलान वाले दिन 17 मई 2004 को बीएसई सेंसेक्स में 15.5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी.
जून में खत्म हो जाएगी अनिश्चितता
अमनीश अग्रवाल ने कहा, जून महीने की शुरुआत में राजनीतिक मोर्चे और मानसून को लेकर फैली अनिश्चितता खत्म हो जाएगी जिसके बाद विदेशी निवेश में तेज उछाल देखने को मिलेगा. उन्होंने 4 जून 2024 तक शेयर बाजार में गिरावट के दौरान निवेशकों को खरीदारी करने की सलाह दी है.
अर्थव्यवस्ता - बाजार के लिए कौन बेहतर
रिपोर्ट में कहा गया कि प्रभुदास लीलाधर ने अपने समीक्षा में पाया कि डेमोग्राफिक के पक्ष में होने के चलते अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार के मोर्चे पर एनडीए और यूपीए जो अब इंडिया है दोनों ही ने बेहतर परफॉर्म किया है. हालांकि मुख्य सुधार के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट पर फोकस और सभी वर्गो और क्षोत्रों में समावेशी विकास के मामले में एनडीए यूपीए से आगे है. अर्थव्यवस्ता की राह में विश्व स्तर की इंफ्रा और टेक्नोलॉजी ट्रांजीशन के मामले में बीजेपी का घोषणापत्र ज्यादा स्पष्टवादी है.
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