NSE Decision on Adani Stocks: भारतीय शेयर बाजार में हालिया गिरावट की बड़ी वजह बने अडानी समूह के शेयरों को लेकर लगातार अपडेट जारी है. इसी कड़ी में कल नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने एक बड़ा फैसला किया है जिससे अडानी समूह के दो शेयरों के निवेशकों पर असर देखा जाएगा. भारतीय बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NSE) ने अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड की सर्किट सीमा को संशोधित कर 5 फीसदी कर दिया है. 


पिछले हफ्ते भी किया गया था प्राइस बैंड में बदलाव


पिछले हफ्ते ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने अडानी समूह की इन्हीं दोनों कंपनियों (अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी ट्रांसमिशन) के शेयरों के लिए प्राइस बैंड 20 फीसदी से संशोधित करके 10 फीसदी कर दिया था. NSE ने ये बदलाव इसलिए किया है जिससे अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी ट्रांसमिशन के शेयरों में कम समय में ही आने वाले किसी बड़े मूवमेंट से बचा जा सके, इससे निवेशकों को होने वाले बड़े नुकसान की संभावना से बचा जा सकेगा.


अडानी समूह को लगा है बड़ा झटका


पिछले 9 कारोबारी दिनों में अडानी समूह की सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण या मार्केट कैपिटलाइजेशन 9.5 लाख करोड़ रुपये यानी करीब 49 फीसदी तक गिर चुका है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी समूह के शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है. हफ्ते के पहले दिन कल सोमवार को कारोबार बंद होने पर अडानी समूह की दस में से छह कंपनियों के शेयर नुकसान में बंद हुआ है. अडानी ट्रांसमिशन का शेयर 10 फीसदी टूट गया जबकि अडानी टोटल गैस, अडानी पावर, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी विल्मर के शेयरों में पांच-पांच फीसदी की गिरावट के साथ लोअर सर्किट लग गया. 


कल ही आए थे अडानी ट्रांसमिशन के तिमाही नतीजे


कल ही अडानी ट्रांसमिशन ने अपने तिमाही नतीजों का भी एलान किया है और इसमें शानदार आंकड़े देखने को मिले हैं. अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही अक्टूबर से दिसंबर के लिए नतीजों का एलान किया. 31 दिसंबर 2022 को खत्म तिमाही में अडानी ट्रांसमिशन के मुनाफे में बीते वर्ष की समान तिमाही के मुकाबले 73 फीसदी का उछाल आया है. अडानी ट्रांसमिशन का मुनाफा 478.15 करोड़ रुपये रहा जो 2021-22 की तीसरी तिमाही में 283.75 करोड़ रुपये रहा था. 


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