(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Odisha Train Accident: इंश्योरेंस रेग्यूलेटर IRDAI ने ओडिसा ट्रेन दुर्घटना के पीड़ितों के बीमा क्लेम जल्द सेटल करने के दिए निर्देश
IRDAI Update: बीमा सेक्टर के रेग्यूलेटर ने ओडिसा रेल दुर्घटना के पीड़ितों के बीमा क्लेम को जल्द सेटल करने को कहा है.
Odisha Train Accident Update: ओडिशा के बालासोर ट्रेन दुर्घटना के पीड़ित लोगों के क्लेम को जल्द से जल्द सेटलमेंट करने के लाइफ और जनरल बीमा कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं. बीमा सेक्टर के रेग्यूलेटर इंश्योरेंस रेग्यूलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने ये आदेश जारी किए हैं. इस रेल दुर्घटना में 275 लोगों की जानें गई हैं तो 1000 के करीब लोग घायल हुए हैं.
आईआरडीएआई के चेयरमैन देबाशीष पांडा ने आईएएनएस को बताया कि रेग्यूलेटर ने सभी जीवन और जनरल बीमा कंपनियों को ये निर्देश जारी कर रेल दुर्घटना के पीड़ितों के जीवन और दुर्घटना बीमा से जुड़े क्लेम को जल्द से जल्द सेटल करने को कहा है. रेग्यूलेटर ने कुछ अन्य डॉक्यूमेंट के आधार पर भी सेटलमेंट करने को कहा है. आईआरसीटीसी की ऑनलाइन पोर्टल पर टिकट बुकिंग करने पर दो नॉन-लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां बीमा प्रदान करती हैं. जिन यात्रियों का कंफर्म टिकट होता है उन्हें 35 पैसे के भुगतान के एवज में ट्रैवल एक्सीडेंट इंश्योरेंस दिया जाता है. जिसमें मृत्यु या पूरे तौर पर विकलांग होने पर 10 लाख रुपये का बीमा कवर मिलता है. वहीं आशिंक तौर पर विकलांग होने पर 7.50 लाख रुपये के बीमा कवर के साथ मेडिकल खर्च के लिए अलग से 2 लाख रुपये तक के क्लेम का प्रावधान है.
आईआरसीटीसी ने एसबीआई जनरल इंश्योरेंस और लिबर्टी जनरल इंश्योरेंस को ट्रैवल इंश्योरेंस कवर के लिए सेलेक्ट किया हुआ है. मृत्यु होने पर नॉमिनी या कानूनी रूप से उत्तराधिकारी को क्लेम के लिए ट्रेन दुर्घटना को कंफर्म करने वाले रेलवे अथॉरिटी के रिपोर्ट को बीमा कंपनी को सबमिट करना होता है जिसमें रेल यात्री जिसे मृत घोषित किया गया है उसका डिटेल होना जरुरी है. इसके अलावा एनईएफटी मैंडेट डिटेल्स, कैंसल्ड टैक, नॉमिनी का फोटो और आईडी प्रूफ, क्लेम फॉर्म और कानूनी उत्तराधिकारी का सर्टिफिकेट जमा करना होता है.
बड़ा सवाल ये है कि कोई सामान्य व्यक्ति रेलवे से ये दो रिपोर्ट कैसे हासिल कर सकता है? पॉलिसी के नियम के तहत क्लेम के लिए आवेदन दुर्घटना की तारीख के चार महीने के भीतर जमा करना होता है. आईआरसीटीसी के पोर्टल के जरिए टिकट बुक किया गया है. ऐसे में आईआरसीटीसी और बीमा कंपनी के पास पहले से यात्री का डिटेल्स मौजूद होता है. रेलवे अथॉरिटी आईआरसीटीसी और दोनों बीमा कंपनियों को सीधे पीड़ित व्यक्ति का रिपोर्ट सौंप सकता है. बीमा कंपनी क्लेम करने वाले व्यक्ति से अन्य डॉक्यूमेंट लेने के बाद क्लेम को सेटल कर सकती है.
यात्री के कानूनी उत्तराधिकारी उनके बैंक पासबुक को देखकर पता लगा सकता है कि मृतक या दुर्घटना में घायल व्यक्ति के बैंक खाते से प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिए प्रीमियम खाते से क्या काटा गया है. इसके आधार पर वो क्लेम कर सकता है. केंद्र सरकार ने जनरल इंश्योरेंस काउंसिल और लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल को ट्रेन दुर्घटना के पीड़ितों के इंश्योरेंस कवरेज का डेटा सबमिट करने को कहा है.
एलआईसी ने ट्रेन दुर्घटना के पीड़ियों के नॉमिनी और कानूनी उत्तराधिकारी को क्लेम करने के लिए डॉक्यूमेंट भरने में रिआयत दे दी है लेकिन एसबीआई जनरल इंश्योरेंस और लिबर्टी जनरल इंश्योरेंस की तरफ से अभी तक ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है. लिबर्टी जनरल इंश्योरेंस ने अपने वेबसाइट पर क्लेम की रिपोर्टिंग के लिए एक फोन नंबर और ईमेल आईडी जारी कर दिया है.
ये भी पढ़ें