OECD On Global Economy: वैश्विक संकट के बीच ओईसीडी (Organisation for Economic Co-operation and Development) ने वैश्विक आर्थिक विकास दर के अनुमान को बढ़ा दिया है. ओईसीडी का मानना है कि महंगाई में कमी और चीन में कोरोना को लेकर लगाई गई बंदिशों के खत्म होने के बाद वैश्विक आर्थिक विकास में तेजी आ सकती है. ओईसीडी को उम्मीद है कि 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 2.6 फीसदी के रफ्तार से आगे बढ़ेगी. पहले उसने नंवबर 2022 में 2.2 फीसदी का अनुमान जताया था.
2023 में ओईसीडी का मानना है कि ग्लोबल इकॉमनी ग्रोथ रेट 2.6 फीसदी रह सकता है लेकिन ये 2022 के मुकाबले कम है. 2022 में 3.2 फीसदी ग्रोथ रेट देखने को मिला था. पेरिस बेस्ड ओईसीडी ने अपने अपडेटेड इकोनॉमिक आउटलुक A Fragile Recovery में ये बातें कही है. ओईसीडी ने रिपोर्ट में कहा, बिजनेस और कंज्यूमर सेंटीमेंट में सुधार दिखने लगा है. खाद्य और ऊर्जा की कीमतों में गिरावट और चीन के पूर्ण रूप से फिर से खुलने के साथ अब अधिक सकारात्मक संकेत दिखने लगे हैं.
हालांकि ओईसीडी ने चेतावनी दी कि आउटलुक अभी भी नाजुक है. जोखिम कुछ हद तक कम हुआ है. रिपोर्ट में यूक्रेन में युद्ध के चलते अनिश्चितता, ऊर्जा बाजारों पर नए सिरे से दबाव का जोखिम और बढ़ती ब्याज दरों के प्रभाव को लेकर अनिश्चितता की बात कही गई है. दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए कर्ज महंगा किया है. ओईसीडी ने कहा कि बाजार को डर लगता है कि बढ़ती ब्याज दरों के चलते अर्थव्यवस्थाएं मंदी की ओर जा सकती हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक सख्त मॉनिटरी पॉलिसी का असर बैंकिंग सेक्टर पर दिखने लगा है खासतौर से अमेरिका के बैंकिंग सेक्टर पर. उच्च ब्याज दरों का देश के आर्थिक विकास पर उम्मीद से ज्यादा सख्त प्रभाव पड़ सकता है. सख्त मॉनिटरी पॉलिसी के चलते ही बैंकिंग संकट गहराया है और सिलिकन वैली बैंक दिवालिया हुआ है.