Property News: कोरोना महामारी के बाद मांग में सुधार और निचले बेस इफेक्ट की वजह से देश के सात प्रमुख शहरों में इस साल पट्टे या लीज पर कार्यालय स्थल की मांग में 41-49 फीसदी की बढ़त की संभावना है. रियल एस्टेट सलाहकार जेएलएल इंडिया के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. इससे पिछले साल यानी 2021 में 2.62 करोड़ वर्ग फुट कार्यालय स्थल पट्टे पर दिया गया था.


कौन से सात शहरों को लेकर है रिपोर्ट


जेएलएल के मुताबिक, इस साल सात प्रमुख शहरों - बेंगलुरु, दिल्ली- एनसीआर, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और पुणे में पट्टे पर कार्यालय स्थल की मांग 3.7-3.9 करोड़ वर्ग फुट के दायरे में रहने की संभावना है. हालांकि, यह आंकड़ा 2019 यानी कोविड-पूर्व साल के 4.79 करोड़ वर्ग फुट के रिकॉर्ड स्तर से कम है. जेएलएल ने कार्यालय स्थल की मांग का आकलन किराये पर दी गई नई बनी मंजिलों के आधार पर किया है. जिन स्थलों पर पहले से प्रतिबद्धता दी जा चुकी है, लेकिन उसमें किरायेदार नहीं आए हैं, उन्हें इस आकलन में शामिल नहीं किया गया है.


साल के पहले 9 महीनों में रही थी ज्यादा तेजी


इस साल के पहले नौ माह (जनवरी-सितंबर) में पट्टे पर कार्यालय स्थल की मांग 3.03 करोड़ वर्ग फुट के तीन साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई. यह पांच साल (2015-2019) के औसत के करीब है. जेएलएल ने 2023 में कार्यालय स्थल की मांग 3.7-4 करोड़ वर्ग फुट होने अनुमान लगाया है. रियल एस्टेट सलाहकार ने कहा कि रेसीडेंशियल सेगमेंट में तेज मांग देखी गई है.


घरों की बिक्री में रिकॉर्ड इजाफा


2022 में घरों की सालाना बिक्री दो लाख यूनिट्स से ज्यादा रहने की उम्मीद है, जो एक दशक में सबसे ज्यादा है और 2010 के 2,16,762 यूनिट्स की बिक्री के आंकड़े के करीब है. इस साल की पहली तीन तिमाहियों में से प्रत्येक में घरों की बिक्री 50,000 यूनिट्स से ज्यादा रही है. जेएलएल इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री और शोध प्रमुख सामंतक दास ने कहा, ‘‘2022 में ऑफिसेज, रेसीडेंशियल और गोदाम सेगमेंट के प्रदर्शन में और सुधार होने की उम्मीद है.’’


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