Bhavish Aggarwal: ओला ग्रुप (OLA Group) और इसके सीईओ भविष अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. लिस्टिंग के बाद ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) के शेयर लगातार नीचे जा रहे हैं. साथ ही कंपनी के ऊपर खराब सर्विसिंग के 10 हजार से ज्यादा शिकायतें की जा चुकी हैं. इन पर केंद्र सरकार जांच कर रही है. साथ ही कंपनी को नोटिस भी भेजा गया है. इसी मसले पर भविष अग्रवाल और कॉमेडियन कुणाल कामरा के बीच सोशल मीडिया पर हाल ही में तीखी बहस भी हुई थी.


अब रविवार को सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने कंपनी को आदेश दिया है कि उन्हें ओला कैब (Ola Cabs) के खिलाफ शिकायत करने वाले कस्टमर का पैसा उसके अकाउंट में भी ट्रांसफर करने का ऑप्शन देना पड़ेगा. अभी तक कंपनी शिकायत करने वाले को एक कूपन पकड़ा देती है, जिसका इस्तेमाल अगली राइड के दौरान ही किया जा सकता है. 


बैंक अकाउंट ट्रांसफर का देना पड़ेगा ऑप्शन 


सीसीपीए (Central Consumer Protection Authority) ने कहा कि नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (National Consumer Helpline) पर इस संबंध में 2,061 शिकायतें आ चुकी हैं. रेगुलेटरी अथॉरिटी ने ओला कैब्स को निर्देश दिए हैं कि उन्हें कंज्यूमर को रिफंड के दौरान ऑप्शन देना होगा कि वह बैंक अकाउंट ट्रांसफर चाहते हैं या कूपन. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय (Ministry of Consumer Affairs) को जानकारी मिली थी कि ओला एप पर नो क्वेश्चन आस्कड रिफंड पॉलिसी है. मगर, इसके तहत सिर्फ कूपन दिए जा रहे हैं. यह उपभोक्ता अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है. 


कस्टमर को बिल लेने का भी अधिकार होगा 


सीसीपीए की चीफ कमिश्नर निधि खरे ने आदेश दिया है कि ओला को सभी बुकिंग के बिल भी कंज्यूमर को देने पड़ेंगे. फिलहाल कस्टमर को कंपनी की ओर से ऐसा कोई ऑप्शन नहीं दिया जा रहा है. कस्टमर चाहकर भी अपना बिल नहीं ले सकता. इस तरह की गतिविधि कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (Consumer Protection Act) के तहत अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस में आती है. नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर इस साल 9 अक्टूबर तक ओला कैब्स के खिलाफ ज्यादातर शिकायतें ज्यादा चार्ज लेने और रिफंड की समस्याओं को लेकर हैं.


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