Work Life Balance: अर्न्स्ट एंड यंग इंडिया (EY India) और बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) जैसी कंपनियां इन दिनों अपने वर्क कल्चर को लेकर लोगों के निशाने पर हैं. ईवाई इंडिया की कर्मचारी एना सेबेस्टियन पेराइल (Anna Sebastin Perayil) मां अनीता ऑगस्टीन (Anita Augustine) ने अपनी बेटी की मौत के लिए कंपनी द्वारा काम का ज्यादा दबाव देने को बताया था. वहीं, बजाज फाइनेंस के लिए काम करने वाले तरुण सक्सेना (Tarun Saxena) ने काम के भारी दबाव के चलते आत्महत्या कर ली थी. इन घटनाओं ने वर्क लाइफ बैलेंस (Work Life Balance) को लेकर बहस छेड़ दी है.
इसी दौरान ओला (Ola) के सीईओ भविष अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह शनिवार और रविवार की छुट्टी के खिलाफ बोल रहे हैं. इसे लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें आलोचना झेलनी पड़ रही है.
हमारे यहां होती थीं महीने में एक या दो छुट्टी
इस वायरल हो रहे वीडियो में भविष अग्रवाल कह रहे हैं कि वह वर्क लाइफ बैलेंस की मॉडर्न सोच को सही नहीं मानते हैं. शनिवार और रविवार की छुट्टी भारतीय परंपरा नहीं है. यह पश्चिमी सभ्यता का हिस्सा है. हमारे देश में पहले शनिवार और रविवार की छुट्टी नहीं होती थी. हमारा कैलेंडर भी अलग था. इसी आधार पर हम छुट्टियां करते थे, जो कि हर महीने एक या दो होती थीं. औद्योगिक क्रांति के बाद वीकेंड की छुट्टी हमारी संस्कृति में आई. हालांकि, अब आधुनिक युग में इसकी जरूरत नहीं रह गई है. अगर हम कुछ दशकों पहले नजर डालें तो पता चलेगा कि लोग हफ्ते में 5 दिन काम करके छुट्टी नहीं मांगते थे.
सोशल मीडिया पर भविष अग्रवाल के खिलाफ गुस्सा
ओला सीईओ की यह सोच सोशल मीडिया पर बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रही है. लोगों ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि वह पश्चिमी भाषा बोलते हैं. पश्चिमी कपड़े पहनते हैं. पश्चिमी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं. ऐसी लोगों की वजह से ही हम विकास नहीं कर पाए. इन्हें रोबोट चाहिए और हम ठहरे इंसान. एक अन्य यूजर ने लिखा कि कल को इन्हें सैलरी भी पश्चिमी सभ्यता का हिस्सा लगने लगेगी. ये शाम को दाल-रोटी दे देंगे और कहेंगे कि यहीं चादर बिछाकर सो जाओ. एक यूजर ने इसे पाखंड बताते हुए कहा कि क्लाइंट पश्चिम के चाहिए और हॉलिडे भारत के.
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