Ola Electric: ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ शुक्रवार को शेयर मार्केट पर धूम धड़ाका मचा गया. बिना कोई लिस्टिंग गेन दिए सुस्त शुरुआत के बाद दिन भर ओला इलेक्ट्रिक के स्टॉक (Ola Electric Stock) की रोलर कोस्टर राइड चलती रही. शाम होते-होते कंपनी के शेयर पहले दिन ही अपर सर्किट लगाकर बंद हुए हैं. इस सफलता ने कंपनी के साथ-साथ सीईओ भविष अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) को भी कई खुशियां दी हैं. अब अरबपतियों के क्लब (Billionaires Club) में एंट्री कर चुके हैं. उन्होंने इसे अपने जीवन का एक शानदार मौका बताया. साथ ही कहा कि वह अभी भी इस खूबसूरत लम्हे को स्वीकारने में जुटे हुए हैं. 


आईपीओ के बाद बढ़ गई कंपनी की जिम्मेदारी 


ओला के फाउंडर भविष अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि कल तक यह एक प्रक्रिया की तरह चल रहा था. हमने मेहनत से अपना काम किया और भारत को दुनिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक वेहिकल टू व्हीलर मार्केट बनाने में योगदान दिया. हमारी मेहनत रंग लाई है. अब सारी दुनिया ने इसे मान लिया है. हालांकि, अब हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है. हमें तेजी से अपना कारोबार दोगुना करना है. हमें अपने सपनों का देश बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत में अब जुट जाना होगा. पब्लिक लिस्टिंग के बाद हमें लोगों के पैसे और भरोसे को बढ़ाते हुए काम करना होगा.


एक दिन में दोगुनी हो भविष अग्रवाल की गई नेट वर्थ 


ओला इलेक्ट्रिक के शेयर लिस्टिंग वाले दिन ही 20 फीसदी चढ़कर अपर सर्किट लगाकर 91.20 रुपये पर बंद हुए. ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) के मुताबिक, सुबह 10.30 बजे तक कंपनी के शेयरों 16 फीसदी उछाल मार चुके थे.  इसके चलते भविष अग्रवाल की नेट वर्थ 1.40 अरब डॉलर तक पहुंच गई थी. शुक्रवार शाम को जब कंपनी के शेयरों पर 20 फीसदी का अपर सर्किट लगा, तब तक उनकी संपत्ति 2.6 अरब डॉलर हो चुकी थी. एक ही दिन में भविष अग्रवाल की नेट वर्थ लगभग दोगुनी हुई है.  






सपाट लिस्टिंग के बाद स्टॉक ने छू लिया शिखर 


ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ 6146 करोड़ रुपये का था.  इसे साल का सबसे बड़ा आईपीओ माना जा रहा है. इसके लिए शेयरों का प्राइस बैंड 72 से 76 रुपये प्रति शेयर के बीच तय किया गया था. शेयरों की लिस्टिंग बीएसई पर 75.99 रुपये पर और एनएसई पर 76 रुपये पर हुई. लिस्टिंग के बाद निवेशकों में कंपनी के शेयरों को खरीदने को लेकर होड़ मच गई. इसके चलते शेयर अपर सर्किट को हिट कर गए.






दो साल में यूनिकॉर्न बन गई थी ओला इलेक्ट्रिक


ओला इलेक्ट्रिक की स्थापना 2017 में बेंगलुरु में हुई थी. उस समय देश में कई इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियां भारत में कारोबार शुरू करने का प्रयास कर रही थीं. कंपनी की शुरुआत के बाद ही SoftBank और Tiger Global Management जैसी कंपनियों की फंडिंग के कारण ओला इलेक्ट्रिक केवल दो साल के अंदर एक यूनिकॉर्न बन गया. हालांकि, कंपनी के मार्च 2023 के डाटा के अनुसार, इसे वित्त वर्ष 2023 में 14.7 अरब रुपये का नुकसान हुआ था. 


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