Ola Electric: इस साल के सबसे बड़े आईपीओ ओला इलेक्ट्रिक को लेकर निवेशकों का उत्साह अचानक कम होता दिखाई दे रहा है. इस 6145 करोड़ रुपये से ज्यादा के आईपीओ का सब्सक्रिप्शन 2 अगस्त से आम जनता के लिए खुला था और इसकी लास्ट डेट आज यानी 6 अगस्त को है. इसका ग्रे मार्केट प्राइस (GMP) सब्सक्रिप्शन खुलने से पहले लगभग 16 रुपये चल रहा था, जो कि अब नीचे जाकर 4 रुपये पर पहुंच गया है. इसके सुस्त सब्सक्रिप्शन के चलते आशंका जताई जा रही है कि इसकी लिस्टिंग पर निवेशकों को ज्यादा फायदा नहीं होने जा रहा है. 


72 से 76 रुपये के बीच है आईपीओ का प्राइस बैंड


ओला इलेक्ट्रिक ने आईपीओ का प्राइस बैंड 72 से 76 रुपये प्रति शेयर के बीच रखा गया है. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, जीएमपी को देखकर यह अनुमान जताया जा रहा है कि इसकी लिस्टिंग 80 रुपये के आसपास हो सकती है. कंपनी ने 5500 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और लगभग 645 करोड़ रुपये ऑफर फॉर सेल मार्केट में उतारा है. मगर, पहले दिन इसका सिर्फ 35 फीसदी हिस्सा ही सब्सक्राइब हो पाया था. सोमवार तक इसका 72 फीसदी हिस्सा ही सब्सक्राइब हो पाया था. अब निवेशकों की नजर मंगलवार पर टिक गई है. 




9 अगस्त को होने वाली है आईपीओ की लिस्टिंग


रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व किया गया हिस्सा 2.61 गुना सब्सक्राइब हो चुका है. नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व किया गया हिस्सा 81 फीसदी और कर्मचारियों के लिए रिजर्व किया गया हिस्सा 8.38 गुना सब्सक्राइब हुआ है. यह किसी भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता द्वारा लाया गया पहला आईपीओ है. सेबी (SEBI) ने पिछले महीने ही ओला इलेक्ट्रिक को आईपीओ लाने की मंजूरी दी थी. आईपीओ की लिस्टिंग 9 अगस्त को हो सकती है. 


फंडिंग राउंड में मिली वैल्यूएशन से कम पर आया था आईपीओ


कई ब्रोकरेज फर्म ने भी इस आईपीओ को लेकर अलग-अलग राय दी है. उन्होंने कंपनी के कम कारोबार और ज्यादा वैल्यूएशन को लेकर चिंता जताई है. यही वजह है कि ओला ने पिछले फंडिंग राउंड के दौरान मिली वैल्यूएशन से भी कम पर यह आईपीओ लाने का फैसला किया था. ओला इलेक्ट्रिक को वित्त वर्ष 2024 में 1,584.40 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ था. आईपीओ के जरिए कंपनी के सीईओ भविष अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) 3.8 करोड़ शेयर बेचेंगे. आईपीओ के पैसों से कंपनी अपने मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट का विस्तार करेगी. इसके अलावा 1600 करोड़ रुपये रिसर्च और प्रोडक्ट डेवलपमेंट पर और 800 करोड़ रुपये कर्ज चुकाने में खर्च किए जाएंगे. 


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