Ola Electric News: ओला इलेक्ट्रिक के कारोबार और प्रतिष्ठा दोनों पर जबर्दस्त मार पड़ रही है. कंपनी के खिलाफ कारोबार बढाने के लिए उपभोक्ताओं से गलत वादे करने की शिकायतों का अंबार लग गया है. इस कारण केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकार को ओला इलेक्ट्रिक से जवाब तलब के लिए मजबूर होना पड़ा है. पिछली बार मांगे गए जवाब से भी कई सवाल पैदा हुए हैं. इन पर ओला इलेक्ट्रिक को 15 दिनों के अंदर जवाब देने के लिए कहा गया है.
कंपनी का दावा, हर सवाल का देंगे जवाब
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकार की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस के बारे में ओला इलेक्ट्रिक के प्रमुख भविष अग्रवाल ने कहा है कि वे केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकार की ओर से मांगी गई हर जानकारी सबूतों के साथ देंगे. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकार का यह कड़ा रुख कथित रूप से उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन और भ्रामक विज्ञापनों को लेकर है. अक्टूबर की शुरूआत में ही प्राधिकार की ओर से पहला कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद कंपनी की बाजार हिस्सेदारी में गिरावट आई है. साथ ही एक्सपेंशन के प्रयासों को भी गहरा धक्का पहुंचा है. हालांकि कंपनी प्रमुख भविष अग्रवाल का दावा है कि सीसीपीए की नोटिस से उसकी कारोबारी गतिविधियां प्रभावित नहीं हुई हैं. क्योंकि सीसीपीए की ओर से उनकी कंपनी के खिलाफ कोई दंड या जुर्माना नहीं लगाया गया है.
ओला इलेक्ट्रिक के बारे में काफी आ रही शिकायतें
ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ उपभोक्ताओं की सबसे अधिक शिकायतें स्कूटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में गड़ब़ड़ियों को लेकर आ रही हैं. ई-स्कूटर की समस्याओं के कारण कंपनी के सीईओ भविष अग्रवाल की कॉमेडियन कुणाल कामरा के साथ सोशल मीडिया पर तीखी बहस भी हुई थी. इन चुनौतियों के बावजूद ओला इलेक्ट्रिक अपने सर्विस नेटवर्क का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. हाइपर सर्विस के माध्यम से कंपनी का लक्ष्य सर्विस सेंटरों की संख्या को दोगुना कर एक हजार तक करने की है.
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