OLA International Business: कैब सर्विस बिजनेस की दिग्गज कंपनी ओला (OLA) ने अपने इंटरनेशनल बिजनेस को खत्म करने के ऐलान किया है. उसने ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से अपना कारोबार समेटने के फैसला किया है. ओला का फोकस अब सिर्फ भारत पर रहने वाला है. कंपनी की प्राथमिकता इस समय उसका लगभग 5500 करोड़ रुपये का आईपीओ (OLA IPO) है. ओला को भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) और अंकित भाटी (Ankit Bhati) ने 2011 में बनाया था. इसके बाद 2018 में इसे ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में लॉन्च किया गया था.
12 अप्रैल को बंद हो जाएंगी ओला की सेवाएं
सॉफ्ट बैंक (SoftBank) से समर्थन प्राप्त ओला को ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में लगभग 6 साल हो गए हैं. ओला प्रवक्ता के अनुसार, आईपीओ लाने से पहले कंपनी घरेलू बाजार पर फोकस करना चाहती है. ओला ने अपने यूजर्स को कारोबार बंद करने के बारे में सूचित करना शुरू कर दिया है. ऑस्ट्रेलिया में ओला की सेवाएं 12 अप्रैल को बंद हो जाएंगी. यह उबर को टक्कर दे रही थी. कंपनी की सेवाएं सिडनी, मेलबर्न, ब्रिस्बेन, गोल्ड कोस्ट, पर्थ, एडीलेड और कैनबरा में उपलब्ध हैं. ओला ने साल 2020 से ही स्टाफ में कटौती और लोकल ड्राइवर ऑफिस बंद करने शुरू कर दिए थे. कंपनी के ऑस्ट्रेलियन सोशल मीडिया अकाउंट पर भी 2021 के बाद से ही कोई पोस्ट नहीं की गई है.
फिलहाल भारत में विस्तार की अपार संभावनाएं
ओला प्रवक्ता ने बताया कि हमें फिलहाल भारत में विस्तार की अपार संभावनाएं नजर आ रही हैं. भारत में कंपनी सैकड़ों शहरों में काम कर रही है. साथ ही यह दोपहिया राइड भी उपलब्ध करा रही है. उन्होंने कहा कि मोबिलिटी का भविष्य इलेक्ट्रिक है. इसलिए हम अपनी प्राथमिकताएं बदल रहे हैं. विदेश में चलने वाले व्यापार को बंद करके हम भारत में बिजनेस बढ़ाने पर ध्यान देंगे.
5.4 अरब डॉलर आंकी गई थी ओला की वैल्यूएशन
ओला देश के हाई प्रोफाइल स्टार्टअप में गिना जाता है. हाल ही में हुए फंडिंग राउंड के दौरान ओला की वैल्यूएशन 5.4 अरब डॉलर आंकी गई थी. इसे टीमसेक, टाइगर ग्लोबल और वॉरबर्ग पिंकस जैसे दिग्गज निवेशकों का सपोर्ट हासिल है. कंपनी ने दिसंबर, 2023 में आईपीओ के लिए दस्तावेज दाखिल किए थे. इस आईपीओ में लगभग 5500 करोड़ रुपये के शेयर फ्रेश इश्यू के जरिए बेचे जाएंगे.
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