(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pension Update: रिटायरमेंट के बाद पेंशन देना कोई एहसान नहीं, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी
Old Pension Scheme: हाल के दिनों में देशभर में सरकारी कर्मचारी फिर से ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग कर रहे हैं.
Pension Scheme: एक तरफ सरकारी कर्मचारियों की ओर से पुराने पेंशन स्कीम की मांग की जा रही है. इस बीच हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पेंशन को लेकर अहम टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद पेंशन देना किसी पर एहसान करना नहीं है. कोर्ट ने कहा कि कोई भी कर्मचारी अपनी सर्विस के कार्यकाल के दौरान लंबी और संतोषजनक सेवाएं प्रदान करता है उसका बाद ही वो पेंशन पाने का हकदार होता है.
पेंशन है सामाजिक सिरक्षा योजना
हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर और जस्टिस बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पेंशन संविधान की सामाजिक-आर्थिक आवश्यकताओं के मद्देनजर एक सामाजिक सुरक्षा योजना है जो कि रिटायरमेंट की अवधि के लिए सहायता प्रदान करता है. हाईकोर्ट के बेंच ने रूप लाल नामक याचिकाकर्ता की ओर से दाखिल किए गए याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश पारित किया. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को एक महीने के भीतर पेंशन के सभी लाभ देने का आदेश जारी किया है.
याचिकाकर्ता रूप लाल 1991 में सिंचाई और जन स्वास्थ्य विभाग में दैनिक वेतन पर कार्यरत थे. उनकी सेवाएं 2002 में रेग्यूलर यानि नियमित की गई. 8 साल तक तक काम करने के बाद 2020 में वे रिटायर हो गए. याचिकाकर्ता ने रिटायरमेंट के 12 साल बाद अदालत का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने कहा कि देरी से याचिका लगाने के चलते ब्यादजका हकदार नहीं होगा लेकिन पेंशन और दूसरे प्रकार का वित्तीय लाभ जरुर मिलेगा. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर पेंशन का हकदार पाया है.
ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग ने पकड़ा जोर
हिमाचल हाईकोर्ट का ये आदेश तब आया है जब एनपीएस का सरकारी कर्मचारी विरोध कर ओल्ड पेंशन स्कीम के फिर से बहाली करने की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार में पुरानी पेंशन योजना को अपने राज्यों में फिर से बहाल कर दिया है. आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार ने भी अपने राज्य में इसे बाहर किया है. वहीं ये माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में ओल्ड पेंशन स्कीम बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है. ऐसे में केंद्र सरकार ने वित्त सचिव की अध्यक्षता में एनपीएस की समीक्षा करने के लिए कमिटी के गठन का ऐलान किया था. कमिटी अभी भी अलग अलग स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा कर रही है. वित्त मंत्रालय ने पिछले दिनों बताया कि कमिटी फिलहाल किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है. लेकिन इससे जाहिर है कि कुछ राज्यों के ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने के बाद केंद्र सरकार दबाव में है. हाल ही में दिल्ली के रामलीला मैदान में ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर देश के अलग अलग राज्यों के सरकारी कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन भी किया है.
क्या है पुरानी पेंशन योजना!
ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों को उन्हें मिलने वाले आखिरी वेतन के बेसिक पे का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर रिटायरमेंट के बाद मिलता था. न्यू पेंशन स्कीम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के कार्यकाल के दौरान एक जनवरी 2004 से लागू हुआ था. जिसमें टीयर वन के तहत कर्मचारी को बेसिक सैलेरी और डीए का 10 फीसदी योगदान देना होता है साथ ही उतना ही केंद्र सरकार उसमें जोड़ती थी जिसे बाद में बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया गया है.
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