(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Old Pension Scheme Update: सरकार ने संसद में दी बड़ी जानकारी, इन 5 राज्यों ने अपने यहां लागू किया पुरानी पेंशन योजना
Old Pension Scheme: कुछ राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू हो गई है. इस बात की जानकारी खुद राज्य सरकारों ने केंद्र को दी है..
Old Pension Scheme In States : देश में पुरानी पेंशन और नई पेंशन व्यवस्था (Old and New Pension Scheme) को लेकर पिछले कुछ समय से काफी घमासान देखने को मिल रहा है. केंद्र और राज्य सरकारें इसे लागू करने को लेकर कई बार आमने-सामने आ चुकी है. कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव में इसे गंभीर मुद्दा बनाया गया था, लेकिन अब पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को कुछ राज्यों ने लागू कर दिया है. मोदी सरकार (Modi Govt) ने सदन में जानकारी दी है कि, देश के 5 राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की राज्य सरकारों ने सूचना दी है. जानिए क्या है नया अपडेट...
इन राज्यों में पुरानी पेंशन लागू
लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड (Bhagwat Karad, Minister Of State For Finance) ने सोमवार को जानकारी देते हुए कहा है कि, देश के 5 राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना को एक बार फिर से लागू करने के अपने फैसले के बारे में केंद्र सरकार को जानकारी दी है. उन्होंने ने कहा कि, आरबीआई की रिपोर्ट 'स्टेट फाइनेंस: ए स्टडी ऑफ बजट ऑफ 2022-23' के अनुसार, राजकोषीय संसाधनों में वार्षिक बचत इस कदम पर जोर देती है, वह अल्पकालिक है. ये राज्य आने वाले वर्षों में अनफंडेड पेंशन देनदारियों का जोखिम उठा रहे हैं.
पेंशन फंड रेगुलेटरी को दी जानकारी
भागवत कराड ने संसद में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने अपने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से शुरू करने के अपने फैसले के बारे में केंद्र सरकार को जानकारी दे दी है. साथ ही पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) को भी सूचित कर दिया है.
RBI ने बताया था जोखिम
इससे पहले, आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में पुरानी पेंशन योजना को लेकर कहा था कि, जो राज्य में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की बात कर रहे है. इससे राज्यों पर राजकोष के परिदृश्य को लेकर एक बड़ा जोखिम सामने आ रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान खर्चों को भविष्य के लिये स्थगित करके राज्य आने वाले वर्षों में ऐसी देनदारी पैदा कर लेंगे, जिसके लिये उनके पास वित्त की व्यवस्था नहीं है. वहीं पुरानी पेंशन व्यवस्था में कर्मचारियों की पेंशन सेवानिवृत्ति से पहले लिये गये अंतिम वेतन का 50 फीसदी होता है. जो राशि सरकार की तरफ से दी जाती थी.
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