Petrol-Diesel Prices: सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल-डीजल बेचने पर हो रहा मुनाफा, पर आम लोगों को राहत के आसार नहीं
Petrol-Diesel Price Today: आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी के एलान में कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष में कच्चे तेल का औसत मुल्य 85 डॉलर प्रति बैरल बना रह सकता है.
Petrol-Diesel Prices: सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल बेचने पर मुनाफा हो रहा है. हाल के महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में गिरावट के बाद कंपनियां मुनाफा बना रही हैं. ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटिज के रिपोर्ट में ये अनुमान जताया है.
रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी तेल कंपनियों को 2022-23 की चौथी तिमाही जनवरी से मार्च के बीच डीजल बेचने पर 50 पैसे प्रति लीटर का मुनाफा हो रहा है. जबकि तीसरी तिमाही में इन कंपनियों को 6.5 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा था. जबकि जनवरी से मार्च तिमाही 2022 में इन कंपनियों को डीजल बेचने पर 2.6 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा था. नुकसान की जब ये भी है कि जब रूस -यूक्रेन के युद्ध के चलते कच्चे तेल के दामों में उबार देखने को मिल रहा था तो तेल कंपनियों के दाम बढ़ाने पर फ्रीज लगा हुआ था. इसके चलते कंपनियों को 2022 के तीन तिामही में नुकसान उठाना पड़ा था.
हालांकि सरकारी तेल कंपनियों को जनवरी से मार्च तिमाही में पेट्रोल बेचने पर 6.8 रुपये प्रति लीटर का मुनाफा हो रहा है. हालांकि तीसरी तिमाही में पेट्रोल बेचने पर कंपनियों को 10 रुपये प्रति लीटर का मुनाफा हो रहा था. मार्केटिंग मार्जिन में सुधार और ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन के चौथी तिमाही में 10 से 11 डॉलर प्रति बैरल के चलते तीनों सरकारी तेल कंपनियों की कमाई बढ़ी है. ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक कंपनियों के शुद्ध मुनाफे में 3 गुना से ज्यादा का उछाल देखने को मिल सकता है.
मार्च 2023 में कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट देखने को मिली थी तो माना जा रहा था कि कंपनियां आम लोगों को महंगे पेट्रोल डीजल से राहत दे सकती हैं. लेकिन ओपेक देशों के कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के फैसले के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चा तेल फिर से 85 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है. इससे दामों में कमी की संभावना पर पानी फिर सकता है.
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