RBL Bank Update: आरबीआई ने आरबीेएल बैंक के वित्तीय सेहत को बताया स्थिर, डिपॉजिटर्स और निवेशकों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देने को कहा
RBL Bank Update: RBI ने आरबीएल बैंक के डिपॉजिटर्स को भरोसा देते हुए कहा है कि डिपॉजिटर्स और दूसरे स्टेकहोल्डर्स को अफवाहों वाले रिपोर्ट्स पर ध्यान देने की जरुरत नहीं है. बैंक का वित्तीय सेहत स्थिर है.
RBI On RBL Bank Update: आरबीएल बैंक के शेयरों में बिकवाली के चलते आई गिरावट के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बयान जारी निवेशकों को भरोसा दिलाने की कोशिश की है. आरबीआई ने कहा है कि आरबीएल बैंक में पर्याप्त पूंजी मौजूद है और बैंक की वित्तीय सेहत भी संतोषजनक है.
RBI ने दिलाया आरबीएल बैंक को लेकर भरोसा
आरबीआई ने कहा कि बैंक के छह महीने के वित्तीय नतीजों के मुताबिक 30 सितंबर 2021 तक बैंक का Capital Adequacy Ratio 16.33 फीसदी था और Provision Coverage Ratio 76.6 फीसदी था. बैंक का लिक्विडिटी कवरेज रेशियो 24 दिसंबर को 153 फीसदी था जबकि जरुरत 100 फीसदी रखने की है. आरबीआई ने कहा कि निजी बैंकों में एडिशनल डॉयरेक्टर की नियुक्ति बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट 1949 के सेक्शन 35बी के तहत किया जाता है. आरबीआई के मुताबिक जब बोर्ड को रेगुलेटरी और सुपवाईजरी मुद्दों पर सपोर्ट की जरुरत पड़ती है तो ऐसे फैसले लिए जाते हैं.
आरबीएल बैंक की सेहत है स्थिर
आरबीआई ने आरबीएल बैंक के डिपॉजिटर्स को भरोसा देते हुए कहा है कि डिपॉजिटर्स और दूसरे स्टेकहोल्डर्स को अफवाहों वाले रिपोर्ट्स पर ध्यान देने की जरुरत नहीं है. बैंक का वित्तीय सेहत स्थिर है.
सोमवार को आरबीएल बैंक में रही बड़ी गिरावट
आपको बता दें इससे पहले सोमवार सुबह शेयर बाजार में आरबीएल बैंक में बड़ी गिरावट देखी गई थी. आरबीएल बैंक का शेयर 52 हफ्ते के न्यूनत्तम लेवल 130.20 रुपये तक जा लुढ़का था. सोमवार को 141 रुपये पर आरबीएल बैंक का शेयर बंद हुआ है.
आरबीआई के कदम से घबराया बाजार
दरअसल 25 दिसंबर को आरबीएल बैंक के बोर्ड ने विश्वाविर आहूजा के सीईओ पद से इस्तीफे को स्वीकार करने के बाद उन्हें छुट्टी पर जाने की अनुमति दे दी और राजीव आहूजा को नए अंतरिम सीईओ और मैनेजिंग डॉयरेक्टर के पद पर नियुक्त कर दिया. इसके बाद से ही बैंक के वित्तीय सेहत को लेकर बाजार में कयासों का बाजार गर्म हो गया. लेकिन बैंक के लिये सबसे बड़ी खबर तब आई जब आरबीआई ने योगेश दयाल को आरबीएस के बोर्ड में एडिशनल डॉयरेक्टर के तौर पर दो सालों के लिये नियुक्त कर दिया. तो कई ब्रोकरेज हाइसेज ने शेयर को बेचने की सलाह देते हुए टारगेट को घटा दिया.