Relief From Costly Petrol Diesel: संसद में बोलीं वित्त मंत्री, पेट्रोल डीजल की कीमतों पर है सरकार की नजर, जरुरत महसूस करने पर सरकार करेगी हस्तक्षेप
Relief From Costly Petrol Diesel: महंगे पेट्रोल ड़ीजल पर टैक्स घटाने पर वित्त मंत्री ने कहा है कि जरुरत महसूस किये जाने पेट्रोल डीजल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में बदलाव कर सरकार हस्तक्षेप करती है.
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Relief From Costly Petrol Diesel: टैक्स में कमी कर महंगे पेट्रोल डीजल से आम लोगों को राहत देने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार हालात पर नजर बनाये हुये है और जरुरत महसूस पड़ने पर सरकार हस्तक्षेप करेगी. वित्त मंत्री ने राज्यसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में ये बातें कही है.
राज्ससबा में पूछा गया सवाल, क्या सरकार कम करेगी टैक्स
दरअसल राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर ने वित्त मंत्री से सवाल पूछा था कि क्या सरकार पेट्रोल डीजल पर टैक्स घटाकर आम लोगों को राहत देने पर विचार कर रही है? इस प्रश्व के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोल की कीमतों को 26 जून 2010 से और डीजल की कीमतों को 19 अक्टूबर 2014 से बाजार के हवाले कर दिया गया है. सरकारी तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की कीमतों, एक्सचेंज रेट, टैक्स स्ट्रक्चर, इनलैंड फ्रेट चार्जेज और दूसरे खर्चों को ध्यान में रखते हुये पेट्रोल डीजल की कीमतें निर्धारित करती हैं. सरकार इन सभी पहलुओं पर अपनी लगातार नजर बनाये रखती है और जरुरत महसूस किये जाने पेट्रोल डीजल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में बदलाव कर सरकार हस्तक्षेप करती है.
दिवाली पर दी राहत
वित्त मंत्री ने बताया कि 4 नवंबर 2021 से सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी और सेस में कटौती की है, जिससे आम उपभोक्ताओं को राहत दी जा सके.
पेट्रोल डीजल पर टैक्स से कमाई
इससे पहले सरकार ने संसद को बताया था कि पांच सालों में एक्साइज ड्यूटी लगाकर 2020-21 में केंद्र सरकार को 4.55 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. जबकि राज्यों को 2.02 लाख करोड़ दोनों ईंधन पर लगने वाले वैट से प्राप्त हुआ है. सरकार ने संसद में बीते पांच सालों में पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और सेस से प्राप्त राजस्व की जानकारी देते हुये बताया कि 2016-17 में 3,35,175 करोड़ रुपये, 2017-18 में 3,36,163 करोड़ रुपये, 2018-19 में 3,48,041 करोड़ रुपये, 2019-20 3,34,315 करोड़ रुपये और 2020-21 में 4,55,069 करोड़ रुपये टैक्स के तौर पर सरकार ने वसूले हैं.
केंद्रीय पेट्रोलियम राज्यमंत्री ने राज्यों द्वारा पेट्रोल डीजल पर पांच साल में वसूले गए वैट की भी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि 2016-17 में 1,66,414 करोड़ रुपये, 2017-18 में 1,85,850 करोड़ रुपये, 2018-19 में 2,01,265 करोड़ रुपये, 2019-20 में 2,00,493 करोड़ रुपये और 2020-21 में 2,02,937 करोड़ रुपये वैट के तौर पर वसूले हैं.
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