iPhones In India: 2025 तक चार में से एक आईफोन एप्पल (Apple iPhone) भारत में बनाने लगेगी. जेपी मार्गन ( JP Morgan) के मुताबिक वैश्विक तनाव और कोरोना महामारी के चलते बार-बार लॉकडाउन लगाये जाने के कारण एप्पल चीन के बाहर आईफोन की मैन्युफैकचरिंग करने लगेगी. जेपी मार्गन के मुताबिक 2022 के आखिर तक 5 फीसदी एप्पल आईफोन 14 की मैन्युफैक्चरिंग भारत में होने लगेगी. चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरे सबसे बड़ा स्मार्टफोन्स का मार्केट है. 


जेपी मार्गन का मानना है कि 2025 तक 25 फीसदी एप्पल के दूसरे प्रोडक्ट्स जिसमें Mac,iPad, एप्पल वॉच और एयरपॉड शामिल है वो चीन के बाहर बनने लगेगी जो कि मौजूदा समय में 5 फीसदी हैय यानि 95 फीसदी इन प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग चीन में हो रही है. 2017 में एप्पल ने विस्ट्रॉन और फॉक्सकॉन के जरिए आईफोन की भारत में एसेंबलिंग की शुरुआत की थी. 


कोरोना महामारी के दौरान सप्लाई चेन रिलेकेशन में दिक्कतों आ गई थी लेकिन कोरोना को लेकर लगाये गए बंदिशों के खत्म होने के बाद एप्पल तेजी के साथ चीन के बाहर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना चाहता है.  


आईफोन बनाने वाली कंपनियों के लीग में देश की सबसे बड़ी औद्योगिक समूह टाटा ग्रुप (Tata Group) भी शामिल होना चाहती है.  इसके लिए टाटा ग्रुप एप्पल (Apple) के ताईवान बेस्ड सप्लायर विस्ट्रॉन कोर्प (Wistron Corp.) के साथ भारत में ज्वाइंट वेंचर शुरू करने को लेकर बातचीत कर रही है.  Wistron के साथ मिलकर टाटा समूह टेक्नोलॉजी मैन्युफैकचरिंग के क्षेत्र में भी उतरना चाहती है. अगर बातचीत सफल रही है टाटा समूह आईफोन बनाने वाली देश की पहली कंपनी बन जाएगी. फिलहाल ताईवान कंपनी Wistron और चीन और भारत में स्थित फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप (Foxconn Technology Group) आईफोन की एसेंबलिंग करती है. 


माना जा रहा है कि कोई भी भारतीय कंपनी आईफोन बनाती है तो इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैकचरिंग के क्षेत्र में चीन के दबदबे को चुनौती दी जा सकेगी. वैसे भी कोविड महामारी के चलते चीन में लगाये गए लॉकडाउन और अमेरिका के साथ तनाव के कारण चीन को लगातार चुनौती मिल रही है. इससे दूसरी कंपनियां भी चीन के बजाये भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैकचरिंग के क्षेत्र में आगे आ सकती है. इससे चीन पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी. 


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