GST को एक सालः 5 प्वाइंट में पढ़ें कितना हुआ फायदा
जीएसटी आने के बाद सबसे बड़ा फायदा ये हुआ है कि देश में टैक्स फाइल करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है.
नई दिल्लीः जीएसटी को एक साल पूरा होने जा रहा है. इनडायरेक्ट टैक्स के क्षेत्र का सबसे बड़ा सुधार 'एक देश एक टैक्स' के नारे के साथ 1 जुलाई 2017 से पूरे देश में लागू हो गया था. आज इसे लागू हुए एक बरस बीत चुका है लेकिन कई लोगों के लिए ये अभी भी एक पहेली ही है. हालांकि जीएसटी को लेकर कहा जाता रहा है कि कुछ हद तक इसने देश के कारोबारियों की दिक्कतें दूर की हैं क्योंकि जहां पहले छोटे बड़े कुल मिलाकर 17 तरह के टैक्स लगते थे उन सबको हटाकर एक टैक्स की व्यवस्था की गई. इसके बावजूद जीएसटी को लेकर बहुत से कारोबारियों को शिकायतें हैं कि उनके लिए कारोबार करना पहले के मुकाबले मुश्किल हो गया है. इस सबके बीच यहां हम बता रहे हैं कि जीएसटी आने के बाद किस तरह के फायदे देखने को मिले हैं.
1.टैक्स फाइल करने वालों की संख्या में हुआ इजाफा जीएसटी आने के बाद सबसे बड़ा फायदा ये हुआ है कि देश में टैक्स फाइल करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. जीएसटी के आने के बाद 1 करोड़ से भी ज्यादा कारोबारियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. हालांकि सरकार के टैक्स कलेक्शन में अभी उतना इजाफा नहीं हुआ जितना होना चाहिए था लेकिन इसमें आगे सुधार होने की पूरी उम्मीद सरकार को है.
2. कारोबारियों के लिए एक टैक्स की दर अगर कारोबारियों की बात की जाए तो पहले जहां राज्यों की टैक्स की दरें अलग-अलग होने से व्यापारी अपने सामान को कई राज्यों से खरीदते थे और इस पर अनेक तरह की चुंगी और टैक्स चुकाते चुकाते इसकी कीमत में काफी इजाफा हो जाता था, ये स्थिति जीएसटी आने के बाद बदली है. जीएसटी आने के बाद सभी राज्यों में गुड्स और सर्विसेज पर टैक्स की दरें एक समान हो गई हैं इससे व्यापारियों को सामान अलग-अलग राज्यों से खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है और उनके पैसे की भी बचत होती है.
3. टैक्स चोरी में हुई कमी कारोबारियों को अपना टैक्स रिटर्न डिजिटल तरीके से भरना होता है और ग्राहकों को दिए गए बिल में जीएसटी का विवरण देना होता है जिससे कारोबारियों द्वारा की जा रही टैक्स चोरी में भी कमी आई है.
4. सामान को लाने-ले जाने में हुई आसानी पूरे देश में एक टैक्स व्यवस्था आने से राज्यों के बॉर्डर पर लगने वाले सामान के ट्रकों की लंबी लाइनों से छुटकारा मिल गया और बिना किसी परेशानी के ई-वे बिल के जरिए गुड्स के ट्रक राज्यों की सीमाओॆ को पार कर सकते हैं जिससे गुड्स के परिवहन का खर्चा भी कम होता है और इससे समय की भी बचत होती है.
5. आम जनता का खर्च कुछ हद तक घटा जहां तक आम जनता को देखा जाए तो उसे इस विषय में ज्यादा जानकारी नहीं है कि जीएसटी आने के बाद उनकी जिंदगी में क्या परिवर्तन आया है. वैसे कुछ लोगों ने ये बात स्वीकार की कि होटलों में खाना खाने से लेकर मोबाइल बिल तक उनकी जेब पर बोझ बढ़ा है. ज्यादातर लोगों का मानना है कि फिल्म की टिकटें बुक कराने और घूमने-फिरने जैसे मनोरंजन के साधनों पर भी जीएसटी आने के बाद खर्च में कुछ इजाफा हुआ है. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका मानना है कि सामान्य रेस्टोरेंट में खाना पहले के मुकाबले सस्ता हुआ है क्योंकि जीएसटी आने के बाद इन्हें निचले टैक्स स्लैब में डाला गया है.
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