फिनटेक फर्म पेटीएम अब इंश्योरेंस बिजनेस में नहीं उतरेगी. कंपनी ने अपनी योजना में बदलाव किया है और अब उसे इसके लिए बीमा नियामक इरडा की मंजूरी भी मिल गई है. कंपनी का फोकस खुद के इंश्योरेंस प्रोडक्ट लाने के बजाय अन्य बीमा कंपनियों के प्रोडक्ट के डिस्ट्रिब्यूशन पर बना रहेगा.


कंपनी ने किया था रजिस्ट्रेशन विड्रॉ के लिए अप्लाई


पेटीएम ब्रांड के तहत वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड बिजनेस करती है. कंपनी ने कुछ समय पहले बीमा के कारोबार में उतरने का मन बनाया था. उसके लिए पेटीएम जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड के नाम से एक सब्सिडियरी बनाई गई थी, जिस बीमा नियामक इरडा के पास रजिस्टर कराया जा चुका था. अब कंपनी की योजना अलग हो चुकी है. उसने पेटीएम जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड का रजिस्ट्रेशन विड्रॉ करने के लिए अप्लाई किया था, जिसे इरडा ने मंजूर कर दिया है.


इरडा ने दी ये जानकारी


न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में इरडा के हवाले से इसकी जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, बीमा नियामक ने 12 जून के एक लेटर में पेटीएम जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड का रजिस्ट्रेशन विड्रॉ किए जाने की जानकारी दी है. इरडा ने बताया है कि पेटीएम जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड ने रजिस्ट्रेशन विड्रॉ करने का आवेदन दिया था, जिसे मंजूर कर लिया गया है.


जारी रहेगा इंश्योरेंस ब्रोकिंग बिजनेस


पेटीएम पहले से इंश्योरेंस डिस्ट्रिब्यूशन के बिजनेस में काम कर रही है. पेटीएम यह बिजनेस पेटीएम इंश्योरेंस ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम से करती है. इस बिजनेस के तहत कंपनी हेल्थ इंश्योरेंस, लाइफ इंश्योरेंस, मोटर इंश्योरेंस, शॉप इंश्योरेंस, गैजेट इंश्योरेंस आदि जैसे सेगमेंट में विभिन्न बीमा कंपनियों के प्रोडक्ट को डिस्ट्रीब्यूट करती है.


जनवरी में हुआ था रिजर्व बैंक का एक्शन


पेटीएम को इस साल की शुरुआत में बड़ा झटका लगा था. रिजर्व बैंक ने जनवरी महीने के अंत में उसके बिजनेस के एक सेगमेंट पर एक्शन लिया था. आरबीआई का एक्शन पेटीएम समूह की बैंकिंग यूनिट पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर हुआ था. उसके बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक का बिजनेस बंद हो चुका है. आरबीआई के एक्शन से पेटीएम वॉलेट, फास्टैग जैसी सेवाओं पर असर हुआ है. हालांकि कंपनी यूपीआई एग्रीगेटर ऐप के रूप में अब भी सेवाएं दे रही है, लेकिन आरबीआई के एक्शन के बाद यूपीआई के बाजार में उसकी हिस्सेदारी तेजी से कम हो रही है.


ये भी पढ़ें: गो फर्स्ट को चौथी बार मिली राहत, अब एनसीएलटी ने दिया 60 और दिनों का समय