ONGC ग्रीन एनर्जी के लिए करने जा रही 1 लाख करोड़ का निवेश, 2038 तक जीरो एमिशन का है लक्ष्य
ONGC: देश की बड़ी गैस और तेल उत्पादन कंपनी ONGC जल्द ही ग्रीन एनर्जी के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने वाली है. इसकी जानकारी कंपनी के चेयरमैन ने दी है.
ONGC Investment in Green Energy: भारत की सबसे बड़ी तेल और गैस उत्पादक कंपनी ONGC ने ग्रीन एनर्जी को लेकर बड़ा प्लान बनाया है. साल 2038 तक जीरो एमिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ONGC ग्रीन एनर्जी में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है. यह निवेश साल 2030 तक किया जाएगा. इस मामले पर जानकारी देते हुए कंपनी के चेयरमैन अरुण कुमार सिंह (ONGC Chairman Arun Kumar Singh) ने कहा कि साल 2038 तक जीरो कार्बन एमिशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ओएनजीसी (ONGC) ने इस निवेश की प्लानिंग की है.
नेट जीरो एमिशन के लक्ष्य को करना है प्राप्त
पीटीआई की खबर के मुताबिक अरुण कुमार सिंह ने कहा कि ONGC देश में जीरो कार्बन एमिशन के लक्ष्य को प्राप्त करना चाहती है. ऐसे में कंपनी ने इसके लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए हमने अपने आंतरिक काम को पूरा कर लिया है. हमें पूरा विश्वास है कि साल 2038 तक हम स्कोप-1 और स्कोप-2 के उत्सर्जन को जीरो करने में सफल रहेंगे. इसके जरिए साल 2038 तक ओएनजीसी अपने नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हो जाएगी . ध्यान देने वाली बात ये है कि नेट जीरो का अर्थ यह है कि कंपनी वातावरण से जितनी गैस लेती है उतनी ही छोड़ती है. ऐसे में पर्यावरण को इसमें किसी तरह का नुकसान नहीं होता है.
ग्रीन एनर्जी के उत्पादन को बढ़ाएगी कंपनी
इसके अलावा सिंह ने यह भी कहा कि ओएनजीसी 2030 तक ग्रीन रिन्यूएबल स्रोतों के जरिए बिजली उत्पादन को 189 मेगावाट से बढ़ाकर 1 गीगावॉट तक ले जाएगी. इसके लिए ओएनजीसी ने राजस्थान में 5 गीगावॉट की परियोजना की तैयारी भी शुरू कर दी है और आगे भी इस तरह के सामान परियोजना पर काम करती रहेगी. इसके साथ ही कंपनी बिजली उत्पादन के लिए विंड फॉर्मों को बनाने के विकल्प की भी तलाश कर रही है. अरुण कुमार सिंह ने यह भी कहा कि देश में एनर्जी डिमांड साल 2040 तक बढ़ने वाला है. ऐसे में देश में जीवाश्म ईंधन की मांग में भी साल 2040 तक बढ़ोतरी देखी जाएगी. वहीं बाकी देशों में 2030 तक की इसकी डिमांड में बढ़त होने वाली है.
कंपनी ऑफशोर विंड के विकल्प पर भी कर रही विचार
कंपनी रिन्यूएबल स्रोतों से बिजली उत्पादन को बढ़ाने के लिए ऑफशोर विंड कंपनियों के साथ ही बातचीत करेगी. कंपनी की प्लानिंग है कि वह मैंगलोर में सालाना 10 लाख टन ग्रीन अमोनिया प्लांट लगाएगी. ऐसे में कुल मिलाकर ग्रीन एनर्जी के उत्पादन के लिए कंपनी 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
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