प्याज के दाम आसमान पर हैं और इनके निकट भविष्य में कमी आने की कोई संभावना नहीं दिख रही है. देश में प्याज का स्टॉक कम है और इसमें एक लाख टन का स्टॉक का बड़ा हिस्सा नमी की वजह से खराब हो सकता है. इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक नैफेड के चेयरमैन एस के चड्ढा का कहना है कि प्याज के बफर स्टॉक के लिए मार्च-अप्रैल से ही खरीदारी हो रही है. लेकिन अब छह महीने का समय हो चुका. प्याज तीन से साढ़े तीन महीने तक ठीक रहता है और इसके बाद ये खराब होने लगता है.


25 हजार टन प्याज खराब होने की आशंका


चड्ढा के मुताबिक बाजार में 43 हजार टन प्याज उतारा जा चुका है. नैफेड नवंबर के पहले सप्ताह में 22 हजार टन प्याज और उतार सकता है. बाकी 25 हजार टन प्याज नमी की वजह से खराब हो सकता है. सरकार ने पिछले सीजन से ही प्याज का स्टॉक शुरू कर दिया था ताकि दाम बढ़ने के वक्त अतिरिक्त स्टॉक बाजार में उतारा जा सके. पिछले साल नैफेड ने 57 हजार टन प्याज का स्टॉक किया था. लेकिन इसमें से 30 हजार टन प्याज खराब हो चुका था. सिर्फ 57 हजार टन बाजार में उतारा जा सका. लेकिन इस बार स्थिति ठीक है. इस बार नैफेड ने एक लाख टन प्याज का स्टॉक किया था, जिसमें से सिर्फ 25 हजार टन ही खराब हुआ है.


सरकार ने प्याज निर्यात के नियमों में ढील दी


इस बीच, प्याज की कीमत बढ़ने के साथ ही केरल, असम, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप से 35 हजार टन प्याज का ऑर्डर मिला है. नैफेड राज्यों को 26 रुपये किलो के हिसाब से प्याज दे रहा है. इसके अलावा इसमें ट्रांसपोर्ट चार्ज भी जोड़ा जाता है. इसके साथ उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने नैफेड से प्याज की नई आवक के साथ ही खरीद शुरू करने और स्टॉक करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि नवंबर के पहले सप्ताह से प्याज के दाम कम होने शुरू हो जाएंगे. सरकार ने प्याज निर्यात के नियमों में ढील दी है. साथ ही एमएमटीसी को आदेश दिया है कि वह प्याज निर्यात शुरू करे.


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