Onion Price Hike: प्याज की बढ़ती कीमतों पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने अपने बफर स्टॉक से 3 लाख मीट्रिक टन प्याज खुले बाजार में जारी करने जा रही है. जिन राज्यों में प्याज की खुदरा कीमतें पूरे भारत के औसत मूल्य से ज्यादा है और जहां पिछले एक महीने में कीमतें बढ़ी हैं उन राज्यों में केंद्र सरकार अपने स्टॉक से प्याज जारी करेगी.
गुरुवार 10 अगस्त 2023 को उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) के मैनेजिंग डायरेक्टर के साथ प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर बैठक की थी. जिसमें बफर स्टॉक से प्याज बेचे जाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई. ई-ऑक्शन और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के जरिए भी प्याज बेचने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है.
उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर प्याज उपलब्ध कराने के लिए प्याज बेचने की मात्रा और गति को प्याज की कीमतों और उपलब्धता का ख्याल रखा जाएगा. खुदरा बाजार में प्याज बेचने के अलावा केंद्र सरकार राज्यों को भी सस्ती कीमतों पर प्याज उपलब्ध कराएगी जिससे वे कंज्यूमर कॉपरेटिव और कॉरपोरेशन के रिटेल स्टोर्स के जरिए प्याज बेच सकें.
मौजूदा वर्ष में 3 लाख मीट्रिक टन प्याज बफर स्टॉक के लिए खरीदा गया था. अगर जरुरत पड़ी तो सरकार और प्याज खरीद सकती है. नेफेड और एनसीसीएफ दोनों ने जून जुलाई में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से 1.50 मीट्रिक टन प्याज की खऱीदारी की थी. वहीं इस वर्ष स्टोरेज के दौरान प्याज की बर्बादी को रोकने के लिए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के साथ करार किया गया है.
केंद्र सरकार प्राइस स्टैबलाइजेशन फंड के तहत प्याज के बफर स्टॉक तैयार किया है जिससे प्याज की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर काबू पाया जा सके. रबी सीजन में प्याज की खरीदारी की जाती है जिससे ऑफ सीजन के दौरान ऐसे जगहों पर प्याज को बाचा जा सके जहां इसकी खपत बहुत ज्यादा है. 2020-21 में केवल 1 लाख मीट्रिक टन प्याज का बफर स्टॉक हुआ करता था. जो अब तीन गुना बढ़कर 3 लाख मीट्रिक टन हो चुका है. इस बफर स्टॉक के बदौलत प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ उपभोक्ताओं को अफोर्डेबल कीमत पर प्याज उपलब्ध कराने के साथ कीमतों को स्थिर रखने में सफलता मिली है.
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