Onion Prices: देश के अलग-अलग राज्यों की सब्जी मंडियों में इस समय प्याज के दाम परवान चढ़ रहे हैं. दिल्ली-नोएडा-गुड़गांव जैसे इलाकों में तो ये 50-60 रुपये किलो के करीब पहुंच रही है. हालांकि कई क्षेत्रों में प्याज के दाम स्थानीय कारणों से अलग-अलग रेंज में चल रहे हैं लेकिन सामान्य जनता को तो प्याज के लिए ज्यादा ही दाम चुकाने पड़ रहे हैं. ऐसे में इन गर्मियों के दिनों और बरसात के दौरान प्याज के दाम आसमान पर ना पहुंचें, इसके लिए  केंद्र सरकार की क्या तैयारी है- यहां जानें. 


सरकारी अधिकारी ने दी बड़ी जानकारी


एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है कि सरकार इस साल 1 लाख टन का बफर स्टॉक बनाने के लिए प्याज के रेडिएशन प्रोसेसिंग को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने की योजना बना रही है. इस कदम के जरिए सरकार राजनीतिक रूप से सेंसेटिव माने जाने वाले खाने के आइटम प्याज की बढ़ती कीमतों को रोकना चाहती है और इसकी कमी ना होने देने का इंतजाम करेगी. 


सरकार क्या कदम उठा रही है?


उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में सचिव निधि खरे ने कहा कि प्याज की होर्डिंग या जमाखोरी और अक्सर सप्लाई में दिक्कत पैदा होने की वजह से कीमतों में अस्थिरता देखी जाती है. इसको रोकने के लिए सरकार प्याज के 'स्वजीवन' (शेल्फ लाइफ) को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर रेडिएशन टेक्नोलॉजी (विकिरण प्रौद्योगिकी) का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है.


इन उपायों पर हो रहा है काम



  • केंद्र सरकार की तरफ से उपभोग क्षेत्रों के आसपास 50 रेडिएशन सेंटर्स की पहचान की जा रही है. 

  • अगर ये सफल होता है तो इस साल एक लाख टन तक रेडिएशन प्रोसेस्ड प्याज का स्टोरेज कर पाएंगे.

  • कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने सरकारी एजेंसियों नैफेड और एनसीसीएफ से नए रेडिएशन फैसिलिटी की खोज करने के लिए कहा है.

  • नैफेड और एनसीसीएफ जैसी एजेंसियां इस साल बफर स्टॉक बनाने के लिए 5 लाख टन प्याज खरीद रही हैं.ए

  • सोनीपत, ठाणे, नासिक और मुंबई जैसे प्रमुख खपत केंद्रों के आसपास रेडिएशन सेंटर्स की खोज करने के लिए कहा जा चुका है.


रेलवे के रेल केंद्रों पर लगाई जाएगी स्पेशल फैसलिटी


निधि खरे ने ये भी कहा कि बफर स्टॉक के तेजी से ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा के लिए मंत्रालय प्रमुख रेल केंद्रों पर नियंत्रित वातावरण वाली स्टोरेज फैसिलिटी स्थापित करने पर भी विचार कर रहा है. पिछले साल महाराष्ट्र के उत्पादक क्षेत्र के पास 1200 टन के छोटे पैमाने पर प्याज की रेडिएशन प्रोसेसिंग की कोशिश की गई थी.


प्याज के उत्पादन में गिरावट आने का अनुमान


सरकार के अनुमानों के मुताबिक महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में कम पैदावार दर्ज की गई है. इसके चलते दुनिया के सबसे बड़े प्याज निर्यातक देश भारत के उत्पादन में 2023-24 में 16 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है. इस बार प्याज का उत्पादन दो करोड़ 54.7 लाख टन रहने की उम्मीद है जो कि पहले के मुकाबले कम है.


(सरकारी अधिकारी से बातचीत का इनपुट पीटीआई से)


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