Inflation In India: खुदरा महंगाई दर के बाद थोक मुल्य आधारित महंगाई दर में भी जोरदार उछाल देखने को मिला है. जून 2024 में होलसेल महंगाई दर 3.36 फीसदी रही है जो कि मई में 2.61 फीसदी रही थी. इससे पहले 12 जुलाई, 2024 को खुदरा महंगाई दर के आंकड़े घोषित हुए थे जिसमें जून महीने में खुदरा महंगाई फिर से 5 फीसदी को पार करते हुए 5.08 फीसदी पर जा पहुंची है. खुदरा महंगाई में भी बढ़ोतरी की बड़ी वजह खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में उछाल है जो जून में 9.36 फीसदी रही है जबकि जून 2023 में खाद्य महंगाई दर 4.31 फीसदी रही थी.
टमाटर 100 रु/किलो में
गेहूं और चावल की महंगाई तो पहले से ही लोगों को सता रही थी. लेकिन देश के कई राज्यों में हो रहे मूसलाधार बारिश के चलते सब्जियों की कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी देखी जा रही है. खुदरा बाजार में टमाटर की कीमतों ने लोगों को लाल कर दिया है जो 100 रुपये किलो में मिल रहा था. पिछले साल 2023 में भी टमाटर की कीमतों में ऐसे ही बढ़ोतरी देखने को मिली है.
प्याज की महंगाई दर 100 फीसदी के करीब
पर आज जो थोक महंगाई दर के आंकड़े घोषित हुए हैं उसमें प्याज की महंगाई दर जून महीने में 90 फीसदी के पार 93.55 फीसदी पर जा पहुंची है जो मई में 58.05 फीसदी रही थी. जून के महीने में प्याज की कीमतों में भारी इजाफा देखने को मिला है जो प्याज के खरीदारों के आंखों से आंसू निकाल रहा है. खुदरा बाजार में प्याज 50 से 60 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है.
सब्जियों की महंगाई दर में उछाल
थोक महंगाई दर के आंकड़े जो घोषित हुए हैं उसमें सब्जियों की महंगाई दर 38.76 फीसदी रही है जो कि मई में 32.42 फीसदी थी. आलू की महंगाई दर में इजाफा देखने को मिला है और ये 66.37 फीसदी जून महीने में रही है जो कि मई में 64.05 फीसदी रही थी. गेहूं की महंगाई दर में भी इजाफा देखने को मिला है और ये मई के 6 फीसदी के मुकाबले जून में 6.25 फीसदी रही है. दालों की महंगाई दर करीब फ्लैट है. मई में 21.95 फीसदी के मुकाबले जून में 21.64 फीसदी रही है. हालांकि अरहर दाल की महंगाई से अब तक लोगों को राहत नहीं मिल पाई है. धान की महंगाई दर जून में 12.07 फीसदी रही है जो कि मई में 11.79 फीसदी रही थी.
सस्ते कर्ज की फिलहाल उम्मीद नहीं!
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि खाद्य वस्तुओं की महंगाई ने आम लोगों की जेब पर डाका डाला हुआ है. खाद्य महंगाई के चलते खुदरा महंगाई दर फिर से 5 फीसदी के पार जा पहुंची है. जबकि आरबीआई ने 4 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा हुआ है. ऐसा फिलहाल होता दिख नहीं रहा है. खाद्य महंगाई दर में बढ़ोतरी ने आरबीआई के माथे की चिंता की लकीरों को बढ़ा दिया है.
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