Online Scam: अब कभी नहीं होंगे आप फ्रॉड के शिकार! इन तरीकों से जानें स्कैमर्स के पैंतरे
Online Scam Techniques: लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए स्कैमर्स तरह-तरह की तरकीबें अपना रहे हैं. ऐसे में हमेशा सजग रहने की जरूरत है.
Digital Scam: साइबर क्राइम के मामले समय के साथ-साथ बढ़ते जा रहे हैं. साइबर अपराधी लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए तरह-तरह की तरकीबें अपना रहे हैं. ऐसे में हमेशा जागरूक रहने की आवश्यकता है. पिछले हफ्ते मुंबई से साइबर क्राइम का एक मामला सामने आया, जिसमें व्हाट्सएप पर ठगी का शिकार हुए एक 75 वर्षीय बुजुर्ग को 11.1 करोड़ रुपये जालसाजों के हाथों गंवाने पड़े. हालांकि, यह कोई पहला मामला नहीं है. हाल ही में दिल्ली के भी एक बिजनेसमैन को 12 करोड़ रुपये ठगी का सामना करना पड़ा. पहले फेसबुक के जरिए उनसे संपर्क किया और निवेश पर 8 गुना रिटर्न देने का वादा किया गया.
निवेश पर अधिक रिटर्न के झांसे में न आएं
बदलते वक्त के साथ साइबर अपराधी भी ठगी के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. सबसे पहले अपने शिकार का भरोसा जीतने के लिए ये छोटी निवेश पर भारी रिटर्न देने का वादा करते हैं. एक बार भरोसा जीत लेने के बाद ये आपसे बड़ा इंवेस्टमेंट करने के लिए कहते है. जैसे ही आप निवेश के लिए इनके पास बड़ा अमाउंट जमा करते हैं वैसे ही ये कॉन्टैक्ट करने के सारे रास्ते बंद कर देते हैं.
इस तरह करें फर्जी वेबसाइट की जांच
कई बार आपका क्रेडिट स्कोर देखे बिना ही आपको लोन के जरिए गारंटीड अमाउंट देने का वादा किया जाता है. इसमें लोन को आगे प्रोसेस करने के लिए कई बार आपसे कुछ पैसे भरने के लिए कहा जाता है.
लोन देने के बदले एडवांस में पैसे लेने वाले लेंडर्स से हमेशा दूरी बनाकर रखें. इनकी विश्वसनीयता जांचने के लिए आपकी इनकी वेबसाइट पर जा सकते हैं. अगर वेबसाइट https से शुरू होता है, तो यह 's' दर्शाता है कि पेज सुरक्षित और एन्क्रिप्टेड है. जबकि अगर ये सिर्फ 'http' से शुरू हो रहा है, तो हो सकता है कि ये कोई फिशिंग स्कैम है.
इस बात का भी रखें ख्याल
हमेशा व्हाट्सएप, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया ऐप से डाउनलोड की जा रही चीजों पर पैनी नजर बनाए रखें. कई बार स्कैमर्स सोशल मीडिया साइट या ईमेल के जरिए APK फाइल के रूप में मैलवेयर भेज रहे हैं. जैसे ही आप इस पर क्लिक कर डाउनलोड करते हैं वैसे ही स्कैमर्स आपके फोन को हैक कर बैंक अकाउंट संबंधी सारी जानकारी हासिल कर लेते हैं. अगर गलती से आप कभी अपराधियों के चंगुल में फंस भी जाते हैं, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर इसकी रिपोर्ट दर्ज कराएं. साथ ही "https://www.cybercrime.gov.in" पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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