Gaming: ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के रेगुलेशन के लिए सरकार की बड़ी तैयारी, कई मंत्रालयों के बीच इस हफ्ते मीटिंग संभव
Online Gaming Regulation: पॉलिसीमेकर्स ने इस बात पर विचार शुरू कर दिया है कि क्या ऑनलाइन गेमिंग के लिए एक रेगुलेटरी बॉडी बनाई जाए जो इसके नियम-कायदे तय कर सके. जानें क्या तय हो रहा है.
Online Gaming Regulation: देश में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के रेगुलेशन के लिए सरकार की बड़ी तैयारी की खबरें आ रही हैं. इसी सिलसिले में ताजा अपडेट ये है कि ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के रेगुलेटरी फ्रेमवर्क या गाइडलाइंस बनाने के लिए पॉलिसी मेकर्स विचार कर रहे हैं. इसके तहत नीति निर्धारकों ने इस बात पर विचार शुरू कर दिया है कि क्या ऑनलाइन गेमिंग के लिए एक रेगुलेटरी बॉडी बनाई जाए जो इसके नियम-कायदे तय कर सके.
मंत्रालयों के बीच हो सकती है मीटिंग
सभी हितधारक मंत्रालयों जिनमें मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय भी शामिल हैं, उनके बीच इस हफ्ते बैठक होने की संभावना है. ये सभी मंत्रालय के अधिकारी मिलकर इस बात पर विचार-विमर्श करेंगे कि ऑनलाइन गेमिंग के क्या फायदे और नुकसान हैं. इसके अलावा क्या ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के जरिए टैक्स चोरी की जा रही है-इस पर भी चर्चा होगी. इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ये खबर आई है.
रेगुलेटर के पास क्या-क्या ताकतें होंगी
ऑनलाइन गेमिंग के लिए अगर रेगुलेटर बनता है तो उसके पास इस बात की क्षमता होगी कि वो अनाधिकृत प्लेटफॉर्म को ब्लॉक कर सके. यूजर्स का वैरीफिकेशन ना करने वाले प्लेटफॉर्म्स को इस कारोबार को ना करने की हिदायत दे सके. छोटे प्लेटफॉर्म्स को इन नियमों के आने से मदद मिलेगी और वो किसी मजबूरी के तहत उनका दोहन होने से बचा जा सकेगा.
शुरुआती चर्चा में बनेगी सहमति
शुरुआती चर्चा के तहत इस बात पर सहमति बनाई जाएगी कि यूजर्स के लिए ऑपरेटर्स को 'नो योर कस्टमर' यानी KYC प्रक्रिया को अनिवार्य बनाया जाए जिससे ये पता लग सके कि कौन इन ऑनलाइन गेमिंग के टूल्स का यूज कर रहे हैं. एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को अमली जामा पहनाने के लिए त्वरित डिस्कशन हो रहे हैं क्योंकि इस बात को महसूस किया जा रहा है कि एक केंद्रीयकृत रेगुलेशन बॉडी की जरूरत है. दरअसल राज्यों द्वारा अपने स्तर पर लिए जा रहे फैसले ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के सभी मुद्दों को ठीक से सुलझा पाने में सक्षम नहीं लग पा रहे हैं. विभिन्न राज्यों के बीच अलग-अलग नियम-कानून होने से ऑनलाइन गेमिंग के मुद्दे और जटिल हो सकते हैं.
अधिकारी के मुताबिक ऑनलाइन गेमिंग पर मंत्रियों के एक आंतरिक समूह द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के पहलुओं पर विचार किया जा रहा है और जल्द ही मंत्रालयों के बीच होने वाली बैठक में इस पर चर्चा संभव है.
ऑनलाइन गेमिंग पर सरकारी समिति की सिफारिशें
बता दें कि ऑनलाइन गेमिंग पर सरकार की एक समिति ने अलग रेगुलेटरी बॉडी बनाने की सलाह दी थी. सलाह में कहा गया था कि स्किल या चांस के आधार पर गेम के अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाए. साथ ही ऑनलाइन गेम के जरिए गैंबलिंग के खिलाफ सख्त कदम लिए जाएं. इस समिति की ड्रॉफ्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को ऑनलाइन गेमिंग को रेगुलेट करने के लिए अलग कानून बनाने पर विचार करना चाहिए.
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