Mark Zuckerberg: वैश्विक मंदी की आहट के कारण कई टेक कंपनियां जैसे गूगल (Google Layoffs), माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft Layoffs), अमेजन आदि ने कई चरणों में एंप्लाइज की छंटनी की है. इसमें मेटा का नाम भी शामिल है. मेटा ने कई चरणों में हजारों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा है. इसके बाद कंपनी में कराए गए आंतरिक सर्वे से यह पता चला है कि कंपनी ने आधे से अधिक कर्मचारियों को मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) की लीडरशिप भरोसा नहीं रहा. मेटा फेसबुक (Facebook), इंस्टाग्राम (Instagram) और व्हाट्सएप (Whatsapp) की पेरेंट कंपनी है और मार्क जुकरबर्ग कंपनी के फाउंडर और सीईओ (Meta Founder and CEO) हैं.


केवल 26 फीसदी कर्मचारियों को मार्क जुकरबर्ग की नेतृत्व पर है भरोसा


वॉल स्ट्रीट जनरल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस कंपनी के केवल एक चौथाई यानी 26 फीसदी कर्मचारियों को ही मार्क जुकरबर्ग के नेतृत्व पर भरोसा है. यह सर्वे आखिरी दौर की छंटनी से ठीक पहले 26 अप्रैल से 10 मई के बीच कराया गया था. वहीं इससे पहले अक्टूबर 2022 को कराए गए सर्वे में यह आंकड़ा 31 फीसदी के आसपास था. ऐसे में कंपनी ने सीईओ ने 5 फीसदी और कर्मचारियों का विश्वास खो दिया है.


74 फीसदी कर्मचारी जुकरबर्ग से क्यों है नाखुश


गौरतलब है कि मार्क जुकरबर्ग ने पिछले साल से अब तक कई चरण की छंटनी में 21,000 से अधिक मेटा के कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. सबसे पहले नवंबर, 2022 में कंपनी ने 13 फीसदी यानी 11,000 एंप्लाइज को खर्च में कटौती करने के लिए छंटनी की थी.इसके बाद कंपनी ने साल 2023 में कुल 10,000 कर्मचारियों की छंटनी (Meta Layoffs) का ऐलान किया. इस छंटनी को कई चरणों में किया गया है. इस कारण पिछले कुछ दिनों में कर्मचारियों पर मानसिक दबाव बढ़ा है. ऐसे में कंपनी के आंतरिक सर्वे से यह बात साफ हो गई है कि इन छंटनी के कारण कंपनी के 74 फीसदी कर्मचारी जुकरबर्ग की लीडरशिप से खुश नहीं है.


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