नई दिल्ली: एफडी यानि फिक्स्ड डिपॉजिट बचत के मामले में आम भारतीयों की पहली पसंद है. भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में इस साल कटौती की है जिससे बैंकों ने टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दरों को कम किया है. बड़े बैंक एक साल से 10 साल तक की अवधि के लिए एफडी पर 6.5 प्रतिशत की ही ब्याज दर दे रहे हैं. इसमें वरिष्ठ नागरिकों को शामिल नहीं किया गया है. जिससे रिटायड कर्मचारी परेशान हैं. लेकिन घबराने की बात नहीं कि बजत के कई अन्य विकल्प भी मौजूद हैं जिनसे एफडी से अधिक रिटर्न ले सकते हैं.


देश में नए प्राइवेट बैंक आम नागरिकों के लिए 7.80 प्रतिशत तक और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 8.4 प्रतिशत तक ब्याज दर देने का अपने ग्राहकों से वादा कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त छोटे बैंक भी पीछे नहीं हैं ये भी टर्म डिपॉजिट पर 8.6 प्रतिशत तक ब्याज दर दे रहे हैं. इन बैंकों में जाकर इन स्कीम और प्लान की जानकारी ले सकते हैं. जानकारों का मानना है कि इस तरह के विकल्पों को अपना कर एफडी की तुलना में अधिक रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. इसके साथ ही निवेश के मामले में पोस्ट आफिस के भी प्लान बेहतर हो सकते हैं. इसमें निवेश के 9 विकल्प मौजूद हैं,जिनकी जानकारी लेने के बाद इसमें निवेश किया जा सकता है.


सभी जानतें हैं कि पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना जैसे विकल्प अधिक समय के लिए हैं. यहां पर अन्य स्कीम भी मौजूद हैं. वहीं कुछ ऐसे भी प्लान हैं जो अधिक रिटर्न देने के साथ साथ टैक्स में भी छूट दिलाते हैं. इसके अलावा हाई टैक्स ब्रैकेट में आने वाले बॉड भी मददगार हो सकते हैं. ये सरकारी संस्थानों की और से जारी किए जाते हैं. जो 10 से 20 साल तक के लिए होते हैं.


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