नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर एलपीजी सब्सिडी छोड़ने वाले कई लोगों ने अपना सब्सिडी वापस भी ले लिया है. ये खुलासा खुद पेट्रोलियम मंत्रालय ने किया है. मंत्रालय के मुताबिक 1 लाख 12 हज़ार 655 लोगों ने अबतक अपनी एलपीजी सब्सिडी वापस ले ली है.


27 मार्च, 2015 का दिन था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अपील की कि जो लोग एलपीजी पर मिलने वाली सब्सिडी के बगैर भी ग़ुज़ारा करने में सक्षम हैं वो स्वेच्छा से अपनी एलपीजी सब्सिडी छोड़ सकते हैं. फिर क्या था एक साल के भीतर 1 करोड़ लोगों ने प्रधानमंत्री के आह्वान पर एलपीजी पर मिलने वाली अपनी सब्सिडी छोड़ दी. इसके लिए बाक़ायदा एक गिव इन अप कैंपेन शुरू किया गया. इसके तहत जो भी उपभोक्ता अपनी सब्सिडी छोड़ना चाहता है वह एक फॅार्म भर के ऐसा कर सकता है. पिछले साल तक एक करोड़ से ज्यादा लोग अपनी सब्सिडी छोड़ चुके हैं.


लोगों के इसी जज़्बे के सहारे प्रधानमंत्री ने पिछले साल अपने सरकार की सबसे क़ामयाब योजना प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरूआत की. योजना का लक्ष्य अगले तीन सालों में 5 करोड़ बीपीएल परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देना है जिसमें से अबतक 2 करोड़ परिवारों को इस योजना का फ़ायदा मिल चुका है. लेकिन अब इस बेहद सफ़ल कहानी का दूसरा पहलू भी सामने आया है.

  • सरकार ने एलपीजी सब्सिडी छोड़ने वाले लोगों को विकल्प दिया कि सब्सिडी छोड़ने के एक साल के बाद अगर वो चाहें तो सब्सिडी वापस ले सकते हैं और  अब तक 1 लाख 12 हज़ार 655 लोगों ने अपनी सब्सिडी वापस ले ली है.

  • सबसे ज़्यादा महाराष्ट्र के 22984 लोगों ने अपनी सब्सिडी वापस ली है.

  • उत्तर प्रदेश के 13552 लोगों ने जबकि राजस्थान के 9955 लोगों ने छोड़ी सब्सिडी वापस ले ली है

  • दिल्ली के भी 2548 लोगों ने सब्सिडी वापस ले ली हैसरकार ये दावा करती है कि गिव इन कैंपेन के ज़रिए अबतक 21000 हज़ार करोड़ रूपये बचाए जा सके हैं. सूत्रों के मुताबिक़ एलपीजी की तरह ही मोदी सरकार पीडीएस और फर्टिलाइजेशन में मिलने वाली सब्सिडी को छोड़ने के लिए ऐसे ही अभियान चलाने पर विचार कर रही है.