India Remittance: पैसे घर भेजने में इन भारतीयों ने खोले दोनों हाथ, दिसंबर तिमाही में बना दिया ये रिकॉर्ड
Overseas Remittances: विभिन्न देशों में काम करने वाले भारतीय लगातार अपने देश में पैसे भेजते रहते हैं. ये पैसे अलग-अलग तरीकों से भेजे जाते हैं....
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विदेश में रहने वाले भारतीयों ने पैसे घर भेजने के मामले में नया रिकॉर्ड बना दिया है. दोनों हाथ खोलकर पैसे वापस घर भेजने से यह रिकॉर्ड बना है. आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर तिमाही में ओवरसीज इंडियन ने रेमिटेंस के जरिए 29 बिलियन डॉलर भेजे.
घरेलू अर्थव्यवस्था को फायदा
रिजर्व बैंक के द्वारा प्रकाशित शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2023 में समाप्त पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में नेट इनवार्ड रेमिटेंस 29 बिलियन डॉलर रहा. बैलेंस ऑफ पेमेंट्स के करंट अकाउंट में प्राइवेट ट्रांसफर कैटेगरी में इसके आंकड़े को रिकॉर्ड किया जाता है. ओवरसीज रेमिटेंस घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं.
इस कारण रेमिटेंस में आई तेजी
ओवरसीज रेमिटेंस एनआरआई डिपॉजिट से अलग होते हैं. इसमें उन पैसों को रखा जाता है, जो अन्य देशों में रहने वाले भारतीय वापस भारत भेजते हैं. इससे देश के चालू खाते घाटे यानी करंट अकाउंट डेफिसिट को कम करने में मदद मिलती है. दिसंबर तिमाही में ओवरसीज रेमिटेंस में आई इस तेजी की मुख्य वजह एफसीएनआर (फॉरेन करेंसी-नॉन रेजिडेंट) में लगातार बढ़ता रिटर्न है. एफसीएनआर में रिटर्न बढ़ने से विदेश में रहने वाले भारतीयों के लिए डिपॉजिट ज्यादा आकर्षक हो जाता है.
1991 के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा
ईटी की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिसंबर तिमाही में आए 29 बिलियन डॉलर का आंकड़ा अब तक किसी भी तिमाही के ओवरसीज रेमिटेंस में सबसे ज्यादा है. ईटी की रिपोर्ट में कहा गया है, 1991 के बाद से अब तक के डेटा का एनालिसिस करने के बाद पाया गया है कि यह किसी एक तिमाही में ओवरसीज रेमिटेंस का सबसे बड़ा आंकड़ा है.
सबसे ज्यादा यहां से आ रहे पैसे
रेमिटेंस के मामले में सालों से भारत सबसे आगे है. वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के अनुसार, साल 2023 में भारत को ओवरसीज रेमिटेंस से 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा मिले. भारत को मिलने वाले ओवरसीज रेमिटेंस में अभी सबसे ज्यादा योगदान अमेरिका से आ रहे हैं. कोविड के बाद जहां अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के द्वारा लगातार ज्यादा पैसे भेजे जा रहे हैं, वहीं खाड़ी देशों से रेमिटेंस में कमी आ रही है.
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