Pollution Certificate: अगर चला रहे हैं ये कार तो कोई नहीं मांग सकता पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, जानिए पूरे नियम
Pollution Certificate: देश में सरकार ने वायु प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए गाड़ियों के PUC सर्टिफिकेट पर सख्ती बढ़ गई है. उल्लंघन पर 6 महीने जेल की सजा या 10,000 रुपये जुर्माना या दोनों संभव है.
Pollution Certificate: दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के चलते हालात बदतर होते जा रहे हैं. दिल्ली-NCR का प्रदूषण स्तर खतरनाक स्तर के पार चला गया है. लोगों को गले में जलन महसूस हो रही है और आंखों से पानी आने जैसी तमाम परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है. दिल्ली में बढ़ते पॉल्यूशन पर केंद्र सरकार की करीब से नजर है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की रणनीति तैयार करने के लिए एक इमरजेंसी बैठक बुलाने का निर्देश दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से गैर-जरूरी निर्माण परिवहन, बिजली संयंत्रों को रोकने और वर्क फ्रॉम होम को लागू करने जैसे उपाय करने को कहा है. दिल्ली में सरकार ने वायु प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए गाड़ियों के PUC सर्टिफिकेट पर सख्ती बढ़ा दी है. वैलिड PUC के बिना पकड़े जाने पर गाड़ी मालिकों को 6 महीने जेल की सजा या 10,000 रुपये जुर्माना या दोनों एक साथ भुगतना पड़ सकता है.
क्या होता है PUC सर्टिफिकेट?
PUC का पूरा नाम पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल है और इसकी जांच को पीयूसी टेस्ट कहा जाता है. यही वो टेस्ट होता है जिसके बाद ही किसी गाड़ी को PUC सर्टिफिकेट दिया जाता है. इस टेस्ट के जरिए ये पता चल जाता है कि किसी भी वाहन का प्रदूषण स्तर (Pollution Level) आखिर है कितना?.
PUC सर्टिफिकेट वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण नियंत्रण मानकों (Pollution control standards) के बारे में बताता है. यह सर्टिफिकेट एक निश्चित समय के लिए ही मान्य होता है. अगर किसी गाड़ी के PUC सर्टिफिकेट की समय सीमा समाप्त हो चुकी है, तो पकड़े जाने पर कठोर कार्रवाई के प्रावधान किए गए हैं.
किन गाड़ियों के लिए पीयूसी जरूरी?
दो पहिया, तीन पहिया या चार पहिया सभी गाड़ियों के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट जरूरी है. PUC पूरे देश में वैध होता है. ये टेस्ट करने वाले सेंटर देश के तमाम पेट्रोल पंप पर मिल जाते हैं. इस सर्टिफिकेट में जिस गाड़ी का पीयूसी टेस्ट किया जाता है उसकी नंबर प्लेट होती है. साथ ही पीयूसी टेस्ट किए जाने का डेट दर्ज होता है. इसके साथ ही पीयूसी सर्टिफिकेट की एक्सपायरी डेट भी लिखी होती है. पीयूसी सर्टिफिकेट में साफ तौर पर रीडिंग और टेस्ट के ऑब्जर्वेशन के बारे में लिखा होता है. यानि ये बताया जाता है कि गाड़ी कितना प्रदूषण फैला रही है।
इन वाहनों को नहीं लेना पड़ता PUC
पीयूसी सर्टिफिकेट केवल पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों के लिए जरूरी है. अगर आपके पास बैटरी से चलने वाली कार, ई-रिक्शा या फिर बैटरी से चलने वाली बाइक या स्कूटी है तो आपको पीयूसी सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है. बिना PUC सर्टिफिकेट के इन गाड़ियों को चलाने पर आपका चालान नहीं कटेगा.
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