पिछले कुछ सालों के दौरान पूरी दुनिया में आर्थिक असमानता तेजी से बढ़ी है. अमीरी और गरीबी के बीच बढ़ी खाई पर ऑक्सफेम इंटरनेशनल ने ताजी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कई चिंताजनक बातें उभरकर सामने आई हैं. रिपोर्ट से पता चलता है कि एक तरफ गिने-चुने लोगों को बेतहाशा कमाई हो रही है, जबकि उसी के साथ-साथ दूसरी ओर अरबों लोग गरीब होते जा रहे हैं.


वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम से पहले रिपोर्ट


ऑक्सफेम इंटरनेशनल ने यह रिपोर्ट स्विट्जरलैंड के दावोस में दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोगों की होने वाली जुटान से ऐन पहले जारी की है. स्विट्जरलैंड के फेमस स्की डेस्टिनेशन दावोस में हर साल जनवरी महीने में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का आयोजन होता है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के इस सालाना आयोजन में तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्ष, बड़े राजनेता और कारोबारी घरानों के दिग्गज जमा होते हैं.


इस तरह बढ़ी आर्थिक असमानता


ऑक्सफेम की रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक असमानता के लिहाज से पिछले कुछ साल काफी खराब साबित हुए हैं. पिछले चार सालों के दौरान कोरोना महामारी, युद्ध और महंगाई जैसे फैक्टर्स ने अरबों लोगों को गरीब बनाया है. साल 2020 के बाद अब तक दुनिया भर में करीब 5 अरब लोग गरीब हुए हैं. इसके साथ ही दूसरी ओर कुछ गिने-चुने लोगों की दौलत रॉकेट की रफ्तार से बढ़ी है.


इतनी बढ़ी टॉप-5 अमीरों की दौलत


‘इनइक्विलिटी इंक’ नाम से जारी हुई रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के शीर्ष 5 अमीरों की दौलत बीते 4 साल के दौरान 869 बिलियन डॉलर बढ़ी है. मतलब बीते चार सालों के दौरान दुनिया के पांच सबसे अमीर लोगों को हर घंटे 14 मिलियन डॉलर की कमाई हो जाती है. भारतीय करेंसी में इस रकम को बदलें तो यह करीब 116 करोड़ रुपये हो जाता है. मतलब दुनिया के 5 सबसे अमीर लोगों को पिछले 4 साल के दौरान हर घंटे 100 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाई हुई.


ये हैं दुनिया के 5 सबसे अमीर


फोर्ब्स की रियलटाइम बिलेनियर्स लिस्ट के हिसाब से अभी दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्क हैं, जिनकी मौजूदा नेटवर्थ 230 बिलियन डॉलर है. दूसरे नंबर पर 182.4 बिलियन डॉलर के साथ बर्नार्ड अर्नाल्ट हैं. अमेजन के जेफ बेजोस 176.9 बिलियन डॉलर की दौलत के साथ तीसरे स्थान पर हैं. वहीं 135.2 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ के साथ लैरी एलिसन चौथे स्थान पर और 132.3 बिलियन डॉलर के साथ मार्क जुकरबर्ग पांचवें स्थान पर हैं. ऑक्सफेम की रिपोर्ट में पांच सबसे अमीर लोगों में जुकरबर्ग की जगह पर वारेन बफे को रखा गया है, जो मौजूदा नेटवर्थ के हिसाब से छठे स्थान पर खिसक गए हैं.


229 साल तक नहीं मिटेगी गरीबी


दुनिया के सभी अरबपतियों की नेटवर्थ मिला लें तो इसमें 4 साल में कई बड़े देशों की जीडीपी से ज्यादा ग्रोथ आई है. रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर के अरबपतियों की सम्मिलित दौलत बीते 4 साल में 3.3 ट्रिलियन डॉलर बढ़ी है. दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की भारत की जीडीपी अभी करीब 3.5 ट्रिलियन डॉलर है. ऑक्सफेम ने आशंका जताई है कि अगर हालात ऐसे ही रहें तो जल्दी ही दुनिया को एक ट्रिलियन डॉलर की नेटवर्थ वाला पहला बिलेनियर मिल जाएगा, जबकि अगले 229 साल तक दुनिया से गरीबी नहीं मिटाई जा सकेगी.


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