(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pakistan Hikes Interest Rates: पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने कमरतोड़ महंगाई पर लगाम लगाने के लिए और महंगा किया कर्ज, 21% हुआ ब्याज दर
जनवरी 2022 के बाद स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने ब्याज दरों में 10.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुकी है.
Pakistan Hikes Rates: पाकिस्तान में ब्याज दरों में जबरदस्त बढ़ोतरी कर दी गई है. पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने कमरतोड़ महंगाई पर लगाम लगाने के लिए ब्याज दरों में एक फीसदी यानि 100 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. अब वहां ब्याज दर बढ़कर 21 फीसदी हो चुका है.
पाकिस्तान में महंगाई दर 35 फीसदी के करीब है. मार्च 2023 में महंगाई दर अपने उच्च दरों पर जा पहुंची थी. खाद्य वस्तुओं की महंगाई पर नकेल कसने और विदेशी कर्जदारों का भरोसा जीतने के लिए स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने ब्याज दरों में एक फीसदी की सीधे बढ़ोतरी करने का एलान कर दिया. हालांकि अनुमान 2 फीसदी की बढ़ोतरी का जताया गया था. सेंट्रल बैंक ने अनुमान से कम ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है.
पाकिस्तान में फूड, ब्रेवरेज और ट्रांसपोर्टेशन प्राइसेज में 45 फीसदी का उछाल आ चुका है. इस महंगाई ने घर-घर के बजट को बिगाड़ दिया है. पाकिस्तान में खाद्य वस्तुओं के वितरण के भगदड़ के चलते 16 लोगों की मौत हो चुकी है. स्थानीय कारणों के चलते तो महंगाई बढ़ी ही है साथ ग्लोबल कारणों ने आग में घी डालने का काम किया है. एनर्जी और पेट्रोलियम टैरिफ में जबरदस्त बढ़ोतरी आई है तो रमजान के चलते खाने-पीने की चीजों की मांग बढ़ी है इसके चलते भी महंगाई बढ़ी है. उसपर से डॉलर के मुकाबले पाकिस्तान के कमजोर हो रहे करेंसी ने मुश्किलें और बढ़ा दी है.
स्टेट बैंक पाकिस्तान ने अपने बयान में कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी का मानना है कि जो मौजूदा मॉनिटरी पॉलिसी नीति है वो बिलकुल सही है. आज और पूर्व में मॉनिटरी पॉलिसी ने जो सख्ती का निर्णय लिया है उसके चलते अगले 8 तिमाही में महंगाई को कम करने में मदद मिलेगी. जनवरी 2022 के बाद स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ब्याज दरों में 10.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुकी है. पाकिस्तान करेंसी एक डॉलर के मुकाबले 287.29 रुपये पर क्लोज हुआ है जो सबसे निचला लेवल है. आज पाकिस्तानी करेंसी एक फीसदी कमजोर हुआ है. 2023 में पाकिस्तानी करेंसी के वैल्यू में 20 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.
पाकिस्तान सरकार अर्थव्यवस्था के बेलआउट करने के लिए आईएमएफ से लगातार वहां की सरकार बातचीत कर रही है. 2019 में आईएमएफ के साथ 6.5 बिलियन डॉलर बेलआउट एग्रीमेंट पर सहमति बनी थी. जिसमें से 1.1 अरब डॉलर का अगले चरण का कर्ज उसे मिलना है. लोन हासिल करने के लिए पाकिस्तान को कई सख्त फैसले लेने पड़ रहे हैं जिसमें सख्त मॉनिटरी पॉलिसी भी शामिल है. मार्च की शुरुआत में सेंट्रल बैंक ने 2 फीसदी कर्ज महंगा किया था. 30 जून तक पाकिस्तान को 4.5 बिलियन डॉलर का कर्ज भी चुकाना है.
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