IMF: पाकिस्तान का आर्थिक संकट अब अपने चरम पर पहुंच गया है. वहां की सरकार ने आईएमएफ (IMF), वर्ल्ड बैंक (World Bank) और एशियन डेवलपमेंट बैंक (Asian Development Bank) समेत कई जगह दरवाजा खटखटा लिया था. मगर, कोई भी उसे आसानी से पैसा देने को तैयार नहीं था. अब आईएमएफ की शर्तों को मानते हुए इस संकट से उबरने के लिए पाकिस्तान सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं. इसके तहत करीब 1.5 लाख नौकरियां खत्म कर दी गई हैं. साथ ही 6 मंत्रालय पर भी ताला लगा दिया गया है. साथ ही दो मंत्रालय को आपस में मर्ज कर दिया गया है. इसके साथ ही पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर का कर्ज मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा. मगर, इसकी बड़ी कीमत वहां की जनता चुकाएगी.
खेती और मकानों पर भी टैक्स लगाने को हुआ राजी
आईएमएफ (International Monetary Fund) के दबाव के आगे झुकते हुए पाकिस्तान सरकार ने उसकी कई मांगें मान ली हैं. इसके साथ ही आईएमएफ ने एक अरब डॉलर की पहली किस्त भी जारी कर दी है. पाकिस्तान ने टैक्स टू जीडीपी रेश्यो बढ़ाने पर भी सहमति दी है. साथ ही वह एग्रीकल्चर और रियल एस्टेट पर भी टैक्स लगाने को राजी हो गया है. इसके अलावा सब्सिडी कम करने और कई आर्थिक जिम्मेदारियां राज्यों पर डालने के लिए भी वह तैयार है. इसके साथ ही महंगाई की मार से जूझ रही पाकिस्तान की जनता को अब बढ़े हुए टैक्स का बोझ भी सहना होगा.
टैक्स न भरने पर प्रॉपर्टी और गाड़ियां खरीदने की मंजूरी नहीं
अमेरिका से लौटने के बाद मीडिया से वार्ता करते हुए वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब (Muhammad Aurangzeb) ने बताया कि हमने अपनी इकोनॉमी को सुधारने के लिए आईएमएफ की सभी मांगें मान ली हैं. यह हमारे लिए उनका आखिरी प्रोग्राम है. हमें अपनी नीतियां बदलनी होंगी. हम सभी मंत्रालयों को छोटा करने की तैयारियों में जुट गए हैं. साथ ही 6 मंत्रालय बंद किए जाएंगे. करीब 1.5 लाख पद भी खत्म होंगे. हमें अपना टैक्स रेवेन्यू बढ़ाना होगा. इस साल करीब 7.32 लाख टैक्सपेयर्स नए जुड़े हैं. अब टैक्स न भरने वालों को प्रॉपर्टी और गाड़ियां खरीदने की मंजूरी नहीं होगी.
साल 2023 में डिफॉल्ट के स्तर पर पहुंच गया था पाकिस्तान
मोहम्मद औरंगजेब ने दावा किया कि अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है. महंगाई में कमी आई है. विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है. हमारा एक्सपोर्ट भी बढ़ रहा है. उन्होंने देश में ब्याज दरें और कम होने की उम्मीद भी जताई. पाकिस्तान साल 2023 में डिफॉल्ट के स्तर पर पहुंच गया था. मगर, आईएमएफ से मिले 3 अरब डॉलर के लोन ने उसकी जान बचाई थी. वह भले ही इसे आखिरी बार का लोन बता रहे हों लेकिन, परिस्थितियां इशारा कर रहीं हैं कि उनकी स्थिति में सुधार फिलहाल आता नहीं दिखाई दे रहा है.
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