Pakistan Economic Crisis: पैसों की भारी किल्लत से जूझ रहा पाकिस्तान...क्या श्रीलंका जैसे होने वाले हैं हालात?
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार अपने 8 साल के निचले स्तर पर आ गया है. ऐसे में क्या पाकिस्तान में श्रीलंका जैसे हालात हो सकते हैं. आइए जानते हैं इस बारे में.
Economic Crisis in Pakistan: भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका (Sri Lanka) की हालात साल 2022 के बेहद खराब हो गए थे और पूरा देश कंगाल हो गया था. अब श्रीलंका जैसे हालात देश के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में दिखाई दे रहे हैं. यह तो हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तान की इकोनॉमी (Pakistan Economic Crisis) की हालत पिछले कुछ दिनों से बहुत खराब है. ऐसे में देश में बुनियादी चीजों की किल्लत हो रही है.
ऐसे में अब देश में शादी-ब्याह और रोजमर्रा के जीवन में भी खाना बनाने में परेशानी हो रही है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) 8 साल के सबसे निचले स्तर यानी करीब 5.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. ऐसे में इस राशि से पाकिस्तान के 3 हफ्ते ही जरूरत की चीजों का आयात कर पाएगा.
गहरे वित्तीय संकट में फंस चुका है पाकिस्तान-
पाकिस्तान में श्रीलंका (Sri Lanka Economic Crisis) जैसे हालात बन चुके हैं. देश का विदेशी कर्ज जहां लगातार बढ़ रहा है, वहीं विदेशी मुद्रा (Forex Reserves) में लगातार कमी देखी जा रही है. पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 के मार्च तक देश का कपल विदेशी कर्ज 43 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गया है. इस कर्ज में एक बड़ा हिस्सा इमरान खान के कार्यकाल का है. उन्होंने केवल 3 साल के दौरान कुल 1400 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का कर्ज लिया है. इसके साथ ही देश में विदेशी मुद्रा लगभग खत्म होने के कगार पर है.
बचे सिर्फ इतने डॉलर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (State Bank of Pakistan) के पास जनवरी 2022 में कुल 16.6 अरब डॉलर थे जो अब गिरकर केवल 5.6 अरब डॉलर पर पहुंच गए हैं. ऐसे में इसमें करीब 11 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई है. विदेशी मुद्रा की कमी होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है विदेशी कर्जों की किस्त का भुगतान करना. कई एक्सपर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान की इकोनॉमी फिलहाल 'गंभीर' स्थिति से गुजर रही है. ऐसे में पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से जल्द से जल्द बातचीत करके अपने IMF पैकेज की अगली किस्त तो जल्द से जल्द प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है.
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