Pakistan Economic Crisis: घटता विदेशी मुद्रा भंडार और बढ़ता कर्ज! इन 4 प्वाइंट्स में समझें पाकिस्तान के आर्थिक हालात
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान अपनी निर्माण के बाद से अबतक के सबसे बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने वाला है और इस पर भारी कर्ज है.
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान इस समय अपने निर्माण के बाद से अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. जहां एक तरफ देश का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म(Pakistan Forex Reserves) होने की कगार पर है. वहीं दूसरी ओर देश पर कर्ज का दबाव बढ़ता ही जा रहा है. 9 फरवरी, 2023 देश के पास केवल 3 बिलियन डॉलर के विदेशी रिजर्व (Forex Reserves of Pakistan) बचे हैं. यह पिछले 9 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (State Bank of Pakistan) के द्वारा जारी किए आंकड़े के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार में 2.9 बिलियन डॉलर की कमी आई है.
ऐसे में पाकिस्तान आईएमएफ (International Monetary Fund) से मदद की उम्मीद बांधे हुए है, लेकिन अबतक 1.1 बिलियन डॉलर की राहत पैकेज के लिए अधिकारियों के स्तर पर किसी तरह की सहमति नहीं बन पाई है. IMF ने कहा कि आगे भी पाकिस्तान के साथ वर्चुअल मीटिंग चलती रहेगी. ऐसे में कम होते खजाने और बढ़ते कर्ज के कारण पाकिस्तान में आने वाले वक्त में हालात खराब होने के आसार है. दुनिया की पांचवीं सबसे आबादी वाले देश में श्रीलंका (Sri Lanka Economic Crisis) जैसे हालात हो सकते हैं. आइए हम आपको बताते हैं पाकिस्तान में इस वक्त आर्थिक हालात कैसे हैं-
1. गिरता पाकिस्तानी रुपया
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये में भारी गिरावट दर्ज की गई है. 10 फरवरी तक 1 डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया (Pakistani Rupee vs Dollar) गिराकर 271.50 के स्तर पर पहुंच गया है. रुपये की गिरती कीमतों के कारण अब सरकार को किसी भी चीज का आयात करने के लिए अब ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे. इससे जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ेगा. आर्थिक हालात को बेहतर करने के लिए पाकिस्तान के बिजनेस काउंसिल ने मार्केट से 5,000 के नोटों को हटाने की सलाह भी दी है.
2. देश में बढ़ती महंगाई
पाकिस्तान में महंगाई (Inflation in Pakistan) ने आम लोगों की कमर तोड़ रखी है. देश की मुद्रास्फीति दर 48 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) बढ़कर 27.6 फीसदी तक पहुंच गया है. वहीं थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index) बढ़कर 28.5 फीसदी तक पहुंच गया है. ऐसे में देश में खाने, पीने की चीजों से लेकर दवाई आदि तक महंगी हो गई है. जनवरी में पाकिस्तान में 20 किलो आटे का दाम 1,164 रुपये तक पहुंच गया था और दिसंबर की तुलना में यह 50 फीसदी तक महंगा हो गया था.
3. एनर्जी का संकट
जनवरी में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 450 पेट्रोल पंप में से 70 पेट्रोल पंप में पूरी तरह के फ्यूल खत्म हो गया था. ऐसे में लोगों को पेट्रोल की कमी (Energy Crisis in Pakistan) से भी जूझना पड़ा था. इसके साथ ही देश के कई बड़े शहरों जैस कराची, लाहौर, इस्लामाबाद, और पेशावर में घंटों बिजली की कटौती की जा रही है.
4. बढ़ता कर्ज
खराब आर्थिक हालात के कारण पाकिस्तान अब तक पूरी दुनिया से अरबों रुपये का कर्ज ले चुका है. देश के ऊपर फिलहाल 59,687,7 बिलियन पाकिस्तानी रुपये का कर्ज है. ऐसे में यह देश की जीडीपी का 89 फीसदी है. वहीं इस कर्ज में 35 फीसदी हिस्सा केवल चीन का है. ऐसे में बढ़ते कर्ज और कम होते विदेशी मुद्रा भंडार ने देश की चिंताओं को बढ़ा दिया है. ऐसे में अगर जल्द ही पाकिस्तान को IMF द्वारा बेल आउट पैकेज नहीं मिला तो यहां भी हालात श्रीलंका जैसे हो सकते हैं.
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