आर्थिक मंदी से जूझ रहे पाकिस्तान में 10 लाख लोगों की जा सकती है नौकरी, इस उद्योग पर पड़ सकता है सबसे बुरा असर
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान में आर्थिक हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. कम से कम 10 लाख लोगों की नौकरी आने वाले वक्त में जा सकती है. जानिए किस सेक्टर पर सबसे बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान अपने 75 सालों के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार कम (Pakistan Forex Reserves) होने के कारण वह कई देशों से और कर्ज ले रहा है. इस आर्थिक संकट का असर (Pakistan Economic Crisis) देश के अलग-अलग सेक्टरों पर दिखना शुरू हो गया है. पाकिस्तान का सबसे बड़ा सेक्टर है कपड़ा उद्योग (Textile Sector). यह उद्योग देशभर के करोड़ों लोगों को रोजगार देता है. आर्थिक बदहाली का असर इस सेक्टर पर दिख सकता है और सेक्टर देशभर के लाखों कर्मचारियों की छंटनी कर सकता है.
10 लाख लोग होंगे बेरोजगार
नेशनल ट्रेड यूनियन फेडरेशन पाकिस्तान (NTUF) के महासचिव नासिर मंसूर ने कहा कि आर्थिक मंदी का असर देश के कपड़ा उद्योग पर पड़ सकता है और 10 लाख लोगों की नौकरी जा सकती है.न्यूज वेबसाइट द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान के कपड़ा के निर्यात में 14.8 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे में इसका असर सेक्टर की नौकरियों पर पड़ सकता है.नासिर मंसूर के मुताबिक असंगठित रूप से काम करने वाले कम से कम 10 लाख लोगों की नौकरी जा सकता है. इसमें सबसे बड़ी संख्या कपड़ा उद्योग में काम करने वाले मजदूरों की होगी. ऐसे में बिना किसी सरकारी मदद के इन लोगों के लिए जीना बहुत कठिन हो जाएगा.
बाढ़ से और बिगड़े हालात
पाकिस्तान में साल 2022 में आई बाढ़ ने पहले से ही कपड़ा उद्योग पर बहुत बुरा असर डाला था. साल 2022 में बाढ़ के कारण कपास की कम से कम 45 फीसदी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. ऐसे में देश में कपड़ा उद्योग के लिए कच्चे माल की कमी हो गई है. देश में विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के कारण कच्चे माल के आयात में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही पाकिस्तान में बिजली संकट ने इस परेशानी को कई गुना तक बढ़ा दिया है.
ऑटो सेक्टर पर भी पड़ा बुरा असर
कपड़ा उद्योग के अलावा देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर (Automobile Sector) पर भी आर्थिक संकट का बहुत बुरा असर पड़ रहा है. पाकिस्तान में वाहन पुर्जों के निर्माताओं की एसोसिएशन ने यह जानकारी दी है कि देश के ऑटो सेक्टर में लगातार गिरावट के कारण 25,000 से 30,000 लोगों की नौकरी चली गई है. इसके साथ ही एक्सपर्ट्स का यह कहना है कि देश की इकोनॉमी को रफ्तार देने वाले सेक्टरों पर पड़ रहा बुरा असर लंबे वक्त में आर्थिक चुनौतियों को और बढ़ सकता है. कंपनियां जहां अब कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है , वहीं नए लोगों को नौकरी पर रखने से भी बच रही है. इससे देश में बेरोजगारी बढ़ने की संभावना है.
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