Pakistan Economy Crisis: पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका, डिफॉल्ट होने के करीब ये मुल्क, फिच ने घटाई रेटिंग
Pakistan Rating: आईएमएफ के फंड जारी नहीं करने के बाद अब पाकिस्तान को एक और झटका लगा है. रेटिंग एजेंसी फिच ने पाकिस्तान की रेटिंग घटा दी है.
Pakistan Economy Crisis: इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने पहले फंड जारी नहीं किया और अब एक और झटका पाकिस्तान को लगा है. ये मुल्क कंगाली के कगार पर तो खड़ा ही है, अब लोन डिफॉल्टर होने के करीब पहुंच चुका है. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग घटा दी है, जिसका मतलब है कि पाकिस्तान की एक्सटर्नल लिक्विडिटी कम हो चुकी है और जोखिम बढ़ गया है.
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने CCC+ से रेटिंग CCC- कर दी है. इसका मतलब है कि नीतिगत पॉलिसी और लोन चुकाने का जोखिम, कम पैसा और कठिन स्थिति से गुजर रहा है. अक्टूबर के बाद से ये दूसरी बार रेटिंग में गिरावट की गई है. फिच रेटिंग एजेंसी पहले पाकिस्तान की रेटिंग B- से CCC+ किया था और अब CCC- कर दिया गया है.
रेटिंग एजेंसी फिच आमतौर पर CCC+ और उससे नीचे की रेटिंग वाले सॉवरेन को आउटलुक नहीं देता है. इससे पहले दिसंबर में एस एंडी पी की ओर से B रेटिंग से CCC+ रेटिंग दी गई थी. इस रेटिंग एजेंसी ने भी पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए अलर्ट किया था और बताया था कि आने वाले समय में इसकी बाह्य लिक्विडिटी में और गिरावट होगी.
फिच ने पाकिस्तान को किया अलर्ट
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि डाउनग्रेड बताता है कि पाकिस्तान की लिक्विडिटी, बाहरी स्थिति और फंडिंग स्थिति में तेज गिरावट हुई है. फिच ने कहा कि रेवेन्यू कलेक्शन में कमी, इलेक्ट्रिसिटी पर टैक्स और बाजार की चीजों में बढ़ोतरी पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच हुई 9वीं बैठक में देरी के कारण हुई है, जो नवंबर 2022 में होनी चाहिए थी.
दूसरे देशों ने भी हाथ पीछे खींचे
एजेंसी ने कहा कि चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों ने भी आईएमएफ के राहत नहीं देने पर पाकिस्तान को फंड देने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. हालांकि एजेंसी ने कहा कि पाकिस्तान शायद आगे चलकर विदेशी संस्थानों से कुछ फंड जुटा पाएगा. पाकिस्तान को इस वित्त वर्ष के दौरान 3.5 अरब डॉलर की मदद मिलने का अनुमान है. वहीं अगले वित्त वर्ष सरकारी कर्ज ऊंचा रहने वाला है.
आईएमएफ से फंड को लेकर नहीं बनी थी सहमति
कुछ दिन पहले आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच फंड को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी. IMF ने पाकिस्तान को आय बढ़ाने और नई तरह के टैक्स लगाने की सलाह दी थी. इस टैक्स की मदद से पाक सरकार फंड जुटाने की तैयारी कर रही है. पाकिस्तान के बाजारों में खाने पीने और हर जरूरत की छोटी बड़ी चीज महंगी कीमत पर बिक रही हैं.
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