Pakistan Oil & Gas Reserves: पाकिस्तान (Pakistan) को उसकी समुद्री सीमा में ऑयल और गैस का बड़ा भंडार (Oil & Gas Reserve) का पता लगा है. पेट्रोलियम पदार्थों का ये भंडार इतना बड़ा है ये पाकिस्तान की किस्मत बदलने का माद्दा रखता है. पेट्रोलियम पदार्थों का ये खजाना पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था (Pakistani Economy) को उसके भारी भरकम कर्ज के बोझ (High Debt), आर्थिक दिवालियापन (Economic Bankrupty) और वित्तीय संकट (Financial Crisis) से बाहर निकाल सकता है. पर इस खजाने के मिलने के बाद भी पाकिस्तान का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. क्योंकि कोई भी बड़ी कंपनी या देश सुरक्षा की चिंताओं (Security Concern) और एक्सप्लोरेशन के हाई कॉस्ट ( High Cost Of Exploration) के चलते पाकिस्तान के इस ऑयल और गैस भंडार में ड्रिलिंग करने को तैयार नहीं है. 


तेल निकालने के लिए पाकिस्तान को चाहिए 5 बिलियन डॉलर निवेश


पाकिस्तान ने इस ऑयल एंड गैस के भंडार का पता लगाने के लिए तीन सालों तक सर्वे किया है. पाकिस्तान को लगता है कि अगर समुंद्र के नीचे गैस का भंडार है तो ये एलएनजी इंपोर्ट की जगह ले सकता है और अगर ऑयल रिजर्व है तो कच्चे तेल के आयात पर पाकिस्तान की निर्भरता खत्म हो जाएगी. लेकिन पाकिस्तान के सामने बड़ी चुनौती ये है कि इस तेल और गैस भंडार में एक्सप्लोरेशन करने के लिए पाकिस्तान को 5 बिलियन डॉलर निवेश की जरूरत होगी. 


दुनिया का चौथा बड़ा ऑयल एंड गैस रिजर्व होने का अनुमान  


5 बिलियन डॉलर का निवेश दुनिया की बड़ी ऑयल कंपनियां ही कर सकती हैं. लेकिन पाकिस्तान में सुरक्षा चिंताओं और एक्सप्लोरेशन में आने वाली बड़ी लागत के चलते दुनिया की दिग्गज ऑयल कंपनियां पाकिस्तान में एक्सप्लोरेशन करने को तैयार नहीं दिख रही हैं. पाकिस्तान की सीमा में मिले इसे हाईड्रोकार्बन रिजर्व के मात्रा का सही आंकलन नहीं लग पाया है लेकिन अनुमान के मुताबिक ये डिस्कवरी दुनिया का चौथा सबसे बड़ा ऑयल एंड गैस रिजर्व हो सकता है जो एशिया महाद्वीप के लिए बड़ी बात होगी. 


इंटरनेशनल ऑयल कंपनियां को सुरक्षा की चिंता


लेकिन पाकिस्तान में सुरक्षा की चिंताओं को चलते कोई बड़ी कंपनी पाकिस्तान के पेट्रोलियम सेक्टर में निवेश करने को तैयार नहीं है. कंपनियों को लगता है उन्हें अपने एम्पलॉयज की सुरक्षा और एसेट्स की सुरक्षा पर भारी भरकम रकम खर्च करना होगा और पाकिस्तान की सरकार द्वारा दी जाने वाली सुरक्षा पर भी कंपनियों को भरोसा नहीं है. 


चीन और अरैमको से पाकिस्तान को उम्मीद 


इसी वर्ष मार्च में खैबर पख्तूनख्वा प्रोविंस (Khyber Pakhtunkhwa Province) में डासु डैम प्रोजेक्ट (Dasu Dam Project) में काम कर रहे पांच चीनी इंजीनियर (Chinese Engineers) आत्मघाती हमले (Suicide Attack) में मारे गए थे जिसके बाद प्रोजेक्ट पर काम रोकना पड़ा था. ऐसे में इस ऑयल और गैस भंडार में एक्सप्लोरेशन के लिए पाकिस्तान पूरी तरह से चीन (China) पर निर्भर है या फिर सऊदी अरब (Saudi Arab) की अरैमको (Aramco) एक्सप्लोरेशन को तैयार हो जाए जिसे मनाने में पाकिस्तान जुटा हुआ है. 


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