Pakistan Crisis: पाकिस्तान की जनता पर एक और महंगाई का बोझ! सरकार ने बिजली पर नए टैक्स लगाने को दी मंजूरी
Pakistan Crisis: पाकिस्तान की जनता पहले से ही महंगाई से परेशान है और अब वहां की सरकार ने उनके पर इस मद में टैक्स का बोझ डाल दिया है.
Pakistan Electricity Crisis 2023: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की हालत आए दिन बिगड़ती जा रही है. पाकिस्तान की जनता मंहगाई की मार से चौतरफा परेशान चल रही है. एक ओर सरकार से उसे सपोर्ट मिलना चाहिए था, वहा सरकार ने अपनी जनता पर एक नया टैक्स और लगा दिया है. पाकिस्तान सरकार ने बिजली के इस्तेमाल पर नए टैक्स लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद जनता पर पहले से और अधिक आर्थिक बोझ पड़ेगा. जानिए क्या है वजह..
आईएमएफ से मदद लेने पर हुआ फैसला
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से पाकिस्तान को आर्थिक मदद लेने के लिए हर बात माननी पड़ रही है. अब उसने बिजली के इस्तेमाल पर नए टैक्स लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. किसान भी इस टैक्स के दायरे में आएंगे. IMF से पाकिस्तान ने 170 अरब रुपये की आर्थिक मदद मांगी है. जिसके लिए आईएमएफ ने 1.1 अरब डॉलर की अगली किस्त जारी करने के लिए पाकिस्तान सरकार के साथ 10 दिन तक बातचीत की थी. लेकिन 9 फरवरी को बिना किसी समझौते के वे सभी वाशिंगटन वापस चले गए.
3.39 रुपये प्रति यूनिट बढ़ेगा बोझ
पाकिस्तान के वित्तमंत्री इशाक डार (Finance Minister Ishaq Dar) ने अपनी कैबिनेट की इकोनॉमिक कोऑर्डिनेशन कमेटी (ECC) की बैठक की अध्यक्षता की है. इसमें बिजली पर प्रति यूनिट 3.39 रुपये का स्पेशल एडिशनल सरचार्ज लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. उन्होंने इस बैठक के बारे में मीडिया से कहा कि दोनों पक्षों के बीच सोमवार यानि 13 फरवरी 2023 को एक बार फिर से बातचीत शुरू होगी. यह बैठक वर्चुअल मोड में होना तय हुई है.
आईएमएफ ने क्या रखी मांग
IMF ने इस बार पाकिस्तान को लोन देने के लिए कड़ी शर्त रखी है. IMF का कहना है कि जब तक पाकिस्तान सरकार उसकी सभी शर्तें मान नहीं लेती, वह लोन नहीं देगा. सरकार जीएसटी में भी 1 फीसदी इजाफा करने के लिए तैयार है. पहले ही वहां रेट 17 फीसदी है. पाकिस्तान को बॉन्ड्स के जरिए जुटाए पैसे का रिपेमेंट करना है. अगर उसे फंड नहीं मिलता है तो वह डिफॉल्ट कर सकता है.
पाक सरकार ने कई कदम उठाये
पाकिस्तान सरकार ने IMF की शर्तें को पूरा करने के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं. पाकिस्तान में एक साल के लिए प्रति यूनिट 3.21 रुपये तक का क्वार्टर्ली टैरिफ एडजस्टमेंट चल रहा है, जिसे अब करीब 4 महीने के लिए 4 रुपये तक के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. ECC ने जीरो-रेटेड इंडस्ट्रीज को पावर टैरिफ सब्सिडीज बंद करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है. साथ हो देश में किसान पैकेज पर रोक लगा दी है. ये सभी फैसले 1 मार्च से लागू हो जाएंगे.
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