Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार (Shahbaz Sharif Government) ने कानून की अनदेखी करते हुए अपने केंद्रीय बैंक यानी स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (State Bank of Pakistan) से जनवरी-फरवरी के महीने में कुल 239 बिलियन पाकिस्तानी रुपये (PKR) का क्रेडिट लिया है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने यह क्रेडिट लोन केंद्रीय बैंक इसलिए लिया है, ताकि वह देश के बाकी कमर्शियल बैंक को अपना कर्ज को चुका सके और घरेलू जरूरतों को पूरा करें. गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने पाकिस्तान सरकार (Pakistan Government) को केंद्रीय बैंकों से लोन न लेने के लिए कहा था. केंद्रीय बैंक से सरकार तो क्रेडिट लेने से रोकने के लिए साल 2022 में एक संशोधन किया था. इसके बाद भी सरकार ने आईएमएफ की अनदेखी करते हुए केंद्रीय बैंक से लोन लिया है.


नियमों की गई अनदेखी


अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के आदेश पर संशोधित अधिनियम 2022 के सेक्शन 9 सी के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान किसी भी स्थिति में सरकार या किसी भी सरकारी संस्थान या अन्य सार्वजनिक संस्थान को सीधे क्रेडिट या लोन गारंटी नहीं दे सकता है. अपनी तिमाही की रिपोर्ट पेश करते हुए इस्लामाबाद स्थित एक थिंक टैंक प्राइम इंस्टीट्यूट (Prime Institute) ने कहा है कि सरकार ने अपने द्वारा किए गए संशोधनों की अनदेखी करते हुए साल 2023 में जनवरी और फरवरी के बीच कुल 239 बिलियन पाकिस्तानी रुपये का कर्ज स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान से लिया है. यह पैसे राजकोषीय घाटा को कम करने के लिए लिया गया है.


पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति है बेहद खस्ताहाल


पाकिस्तान लंबे वक्त से आईएमएफ से 1.1 अरब डॉलर बेलआउट पैकेज प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है, मगर लाख कोशिशों के बाद भी शहबाज शरीफ सरकार यह बेलआउट पैकेज प्राप्त करने में सफल नहीं रही है. ऐसे में केंद्रीय बैंक से सरकार द्वारा क्रेडिट लिए जाने के बाद आईएमएफ पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज देने में आप सख्ती दिखा सकता है. गौरतलब है कि देश में विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के कारण पाकिस्तान कई जरूरी चीजों का आयात नहीं करवा पा रहा है. 


इस कारण देश में महंगाई आसमान छू रही है. देश में आटे जैसी बुनियादी खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुमान जताया है कि पाकिस्तान में महंगाई दर (Pakistan Inflation) 29.5 फीसदी रहने की संभावना है. एनर्जी की कमी और खाने पीने की चीजों के बढ़ते दाम के कारण इस देश में महंगाई आसमान छू सकती है.


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