Pakistan Inflation: पाकिस्तान इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है. इकोनॉमी की बुरी हालत के कारण बार-बार पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लोन लेने को मजबूर हो रहा है, इसके साथ ही देश में महंगाई का बम फूट चुका है. देश में मुद्रास्फीति के कारण आम लोगों का खाने-पीने की चीजें तक खरीदना मुश्किल हो गया है. CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक लाहौर में 12 अंडे के दाम 400 पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गए है. इसके साथ ही प्याज की कीमतों ने भी लोगों की परेशानी बढ़ा दी है.
आसमान छूती प्याज की कीमतें-
केवल अंडे ही नहीं बल्कि रोजाना खाने में इस्तेमाल होने वाले प्याज की कीमतों में भी आग लगी हुई है. पाकिस्तान में फिलहाल प्याज 230 रुपये से लेकर 250 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है. सरकार ने आम लोगों को राहत देने के लिए प्याज की अधिकतम कीमत 175 रुपये तय की है, लेकिन मार्केट में यह तय दाम से कहीं ज्यादा पर बिक रहा है. पाकिस्तानी न्यूज़ ARY News की खबर के मुताबिक चुनावों को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने कई जरूरी खाने-पीने की चीजों की कीमतें तय की है, लेकिन लोकल प्रशासन सरकार द्वारा तय किए गए दामों को लागू करने में असफल रहा है.
चिकन की कीमतें भी छू रही आसमान
चिकन की आसमान छूती कीमतों के कारण पाकिस्तान में आम जनता की थाली से यह गायब सा हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लाहौर में एक किलो चिकन 615 रुपये में मिल रहा है. इसके अलावा दूध के दाम ने भी लोगों को परेशान कर रखा है. पाकिस्तान में दूध 213 रुपये लीटर मिल रहा है. वहीं टमाटर 200 रुपये किलो और चावल 328 रुपये किलो बिक रहा है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के विश्व आर्थिक आउटलुक डेटाबेस के मुताबिक पाकिस्तान में 2023 में महंगाई दर 30 फीसदी तक पहुंच गई है. वहीं देश की जीडीपी इस दौरान -0.5 फीसदी रही है.
लगातार गिर रहा विदेशी मुद्रा भंडार
पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार कमी दर्ज की जा रही है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2023 में देश में विदेशी मुद्रा भंडार 7 बिलियन था. वहीं जुलाई 2023 में यह 8.1 बिलियन डॉलर था. ऐसे में पिछले चार महीनों में इसमें जबरदस्त गिरावट देखी गई है. पाकिस्तान के आर्थिक हालात को देखते हुए आईएमएफ ने इसे 3 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज देने का ऐलान किया है जिसमें से दो किस्तों को मंजूरी भी मिल गई है. IMF की तरफ से पाकिस्तान को जुलाई 2023 में 1.2 बिलियन डॉलर की पहली किस्त मिल गई है जबकि दूसरी किस्त जल्द ही मिलने की उम्मीद है, लेकिन इसके बावजूद भी देश के आर्थिक हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं.
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