पाकिस्तान में रसोई गैस सिलेंडरों की किल्लत, आसमान पर एलपीजी के दाम-थैलियों में गैस भरकर घर ले जा रहे लोग
Pakistan Gas Crisis: पाकिस्तान में गैस सिलेंडरों की किल्लत है और इसके चलते वहां के नागरिक गैस को प्लास्टिक की थैलियों में भरकर घर ले जा रहे हैं.
Pakistan Gas Crisis: पड़ोसी देश पाकिस्तान की बदहाल हालत किसी से छुपी नहीं है पर अब पाकिस्तान की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो भयानक होने के साथ-साथ बेहद खतरनाक भी है. पाकिस्तान में इस समय रसोई गैस की किल्लत के साथ गैस सिलेंडर की किल्लत भी हो चुकी है. इसके चलते लोग इस तरीके से गैस को घर ले जा रहे हैं जो देखकर आपके होश उड़ जाएंगे.
पाकिस्तान से आ रही है भयावह तस्वीर
पाकिस्तान से आ रही तस्वीरों में साफ है कि लोग रसोई गैस को सिलेंडर में नहीं बल्कि प्लास्टिक की थैलियों में भरकर अपने घर ले जा रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक एक प्लास्टिक की थैली में 3 से 4 किलो तक गैस आ रही है. प्लास्टिक की इन थैलियों में गैस भरवाना कितनी बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकता है, ये सोचकर ही घबराहट हो सकती है. अगर प्लास्टिक की थैलियों में आग लगेगी तो गैस के साथ मिलकर ये भयानक दृश्य पैदा कर सकता है. हालांकि लोगों के पास और कोई रास्ता नहीं है क्योंकि पाकिस्तान में गैस के साथ-साथ गैस सिलेंडरों की भी जबरदस्त किल्लत है.
पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान पर
पाकिस्तान की चरमराती अर्थव्यवस्था का आलम ये है कि यहां पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए लोगों के पास पैसे नहीं हैं क्योंकि इनके दाम आसमान छू रहे हैं. पाकिस्तान में एक लीटर पेट्रोल 214.80 रुपये और एक लीटर डीजल के दाम 227.80 रुपये पर आ चुके हैं.
एलपीजी सिलेंडर के क्या हैं दाम
पाकिस्तान में एलपीजी सिलेंडर खरीदना लोगों के बजट से बाहर की बात हो चुकी है और घरेलू एलपीजी सिलेंडर 2411.43 रुपये का है और कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम तो 10,000 रुपये के आसपास आ चुके हैं.
पाकिस्तान की खस्ता आर्थिक हालत की तस्वीर
पाकिस्तान के लिए सबसे खराब साल 2022 साबित हुआ है और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तान की मुद्रा कम से कम 49.31 रुपये गिर गई और ब्याज दर कम से कम 16 फीसदी तक पहुंच गई, जो 1998-1999 के बाद सबसे ज्यादा है। महंगाई दर 30 से 40 फीसदी के आसपास है जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) महंगाई दर फिलहाल 25 फीसदी के आसपास है. इसके अलावा, चालू वित्त वर्ष, वित्त वर्ष 2023 के पहले पांच महीनों के दौरान सेंसिटिव प्राइस इंडेक्स (एसपीआई) 28 प्रतिशत रहने की आशंका है. कारोबारी समुदाय ने साल 2022 को पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला साल करार दिया है.
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