Pakistan Economy: पाकिस्तान कंगाली के कगार पर है. ऐसे में उसने IMF से बेलआउट फंड की मांग की थी, लेकिन आईएमफ से इसपर सहमति नहीं बन पाई है. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान और इंटरनेशनल मोनेटरी फंड के बीच बातचीत विफल रही है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के वित्त सचिव का कहना है कि दिवालियापन को रोकने के लिए जल्द ही एक डील हो सकती है. 


पाकिस्तान के निजी चैनल जियो न्यूज के मुताबिक, फाइनेंशियल सेक्रेटरी हमीद शेख ने कहा कि पहले से जरूरी कदमों पर आईएमएफ के साथ बातचीत हुई है. जल्द ही कुछ अहम फैसला लिया जाएगा. पाकिस्तान के सरकारी टीवी चैनल ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से कहा कि कुछ बिंदुओ पर अभी भी ध्यान देने की आवश्यकता है. 


क्यों आईएमएफ से नहीं सहमति 


AFP की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेशनल मोनेटरी फंड का प्र​तिनिधि मंडल पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति जानने इस्लामाबाद पहुंचा था. इस बैठक में बेलआउट फंड को लेकर सहमति नहीं बन पाई है, क्योंकि पाकिस्तान ने पहले से ही आईएमएफ से बेलआउठ फंड ले चुका है और इसकी किस्त महीनों से रुकी हुई है. पाकिस्तान अपने मित्र देशों से मदद की मांग कर रहा है. 


170 मिलियन डॉलर विदेशी मुद्रा में गिरावट 


गुरुवार को केंद्रीय बैंक ने नए आंकड़े जारी कर चेतावनी दी कि उसका विदेशी मुद्रा भंडार एक सप्ताह में 170 मिलियन डॉलर गिर गया है, जो पिछले शुक्रवार तक केवल 2.9 बिलियन डॉलर था. वहीं पेट्रोल के दाम उच्च लेवल पर पहुंच चुका है. इसके अलावा, खाद्य पदार्थों में भी भारी बढ़ोतरी हुई है. 


गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा पाकिस्तान 


पाकिस्तान में मुद्रास्फीति उच्च स्तर पर है. पाक के पास विदेशी मुद्रा भी खत्म होने के कगार पर है. इसके साथ ही पाकिस्तान भारी कर्ज में डूबा हुआ है. देश चलाने के लिए उसके पास सिर्फ कुछ दिन का ही पैसा बचा हुआ है. अगर सही व्यवस्था नहीं की गई तो पाकिस्तान कंगाल हो सकता है. 


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