पाकिस्तान में ये है टैक्स सिस्टम, महंगाई की मार झेल रही आम जनता के ऊपर ऐसे बनती टैक्स लायबिलिटी
Pakistan Taxation System: अगर आपको जानना है कि पाकिस्तान में ऐसा कौन सा टैक्स सिस्टम है जिस पर IMF कुछ शर्तें लगाना चाहता है तो यहां आपको इस सवाल का जवाब मिल सकता है.
Pakistan Taxation: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की तरफ से लगातार बेलआउट पैकेज के रूप में सहायता राशि आ रही है. कल ही आईएमएफ ने कहा कि कैश संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ कर्मचारी स्तर के समझौते पर पहुंचने को लेकर बातचीत में महत्वपूर्ण प्रगति मिली है. पाकिस्तान ने एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) के जरिए देश के लिए छह से आठ अरब अमेरिकी डॉलर के बीच एक नया पैकेज देने के लिए औपचारिक अनुरोध किया है. अगर इसकी मंजूरी मिल गई तो इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) की पाकिस्तान को यह 24वीं मदद होगी.
पाकिस्तान के सामने रखी गई हैं कड़ी शर्तें
पाकिस्तान की न्यूज एजेंसी ARY के हवाले से हालांकि रिपोर्ट आई थी कि आईएमएफ ने पाकिस्तान से 1 लाख रुपये से ज्यादा पेंशन पाने वालों पर टैक्स लगाने के लिए कहा है. साथ ही देश में टैक्स भी बढ़ाने की शर्त रखी है. अगर पाकिस्तान को आईएमएफ से बेलआउट पैकेज लेना है तो उन्हें टैक्स से जुड़े ये वित्तीय सुधार लागू करने होंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि पाकिस्तान में ऐसा कौन सा टैक्स सिस्टम है जिस पर आईएमएफ कंट्रोल करना चाहता है तो आपको यहां इस सवाल का जवाब मिल सकता है.
पाकिस्तान में भी लगता है GST पर ये भारत के जीएसटी से अलग
पाकिस्तान में सामानों की बिक्री पर जनरल या स्टैंडर्ड सेल्स टैक्स जिसे जीएसटी या वैट भी कहा जाता है जिसकी मौजूदा दर करीब 18 फीसदी तक है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान में पहले 17 फीसदी टैक्स रेट था. पिछले साल यानी 2023 में इसे अतिरिक्त राजस्व के लिए बढ़ाया गया था जिसके बाद ये करीब 64 करोड़ डॉलर तक बढ़कर 18 फीसदी हो गया.
पाकिस्तान में सेल्स टैक्स भी चलता है
पाकिस्तान में राज्यों की तरफ से सर्विसेज पर सेल्स टैक्स लगता है. पाकिस्तान में सर्विसेज पर सेल्स टैक्स अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग दरों से लगाया जाता है. इसकी दर 13 से 16 फीसदी के बीच है.
सर्विसेज पर लगता है अलग टैक्स
पाकिस्तान में सर्विसेज के लिए अलग टैक्स सिस्टम अलग है. इसके तहत गुड्स इंपोर्ट (कमर्शियल) पर अलग से 3 फीसदी वैट लगाया जाता है. सप्लाई के मामले में टैक्सपेयर्स को 4 फीसदी एक्स्ट्रा भी टैक्स देना होता है.
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